कुरूद। अपने कर्माे को श्रेष्ठ बनाओं, मरना तो सबको है पर मरने के बाद बाद आपके कर्माे का यश चले वही जीवन की सार है। जीवन में दूसरे का सम्मान करे कोई भी आपको अशब्द कहे तो उन्हे अनसुना करे। शिव भक्ति में लगने से महादेव को नही ढूढना देवो के देव महादेव शिव भक्त को स्वयं ढूढ़ लेते है। शिव भक्त की निशानी ये है कि मौन, शांत, शीतलता, दया की भाव रखना। देवो के देव महादेव को अपने अंदर रखना है तो अपने अंदर शीतलता का अनुभव कराये। चित्त में शीतलता, मन को शांत रखना। शिव तत्व की प्राप्ति, भगवान शंकर जी की प्राप्ति के लिये शंकर जी को प्रसन्न करने के लिये अपने अंदर मन को साफ रखे। उक्त बाते गौरीशंकर शिव महापुराण कथा के दूसरे दिवस कथा व्यासपीठ से
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने मुखारविंद से अपारजन श्रोताओं कहीं।
वृ़िद्ध विहार भरदा चैक राजिम रोड कुरूद में आयोजित श्रीधर परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय गौरीशंकर शिव महापुराण कथा के दूसरे दिवस अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) ने कहा कि सत्य को कोई नही छुपा सकता। दुनिया के किसी भी देवता को अपशब्द कहे जाते है तो शंकर जी को कहते है। जब शंकर जी को अशब्द कह सकते है तो शिव भक्त को भी अशब्द कह सकते है। संसार में सबको संतुष्ट करना बहुत ही मुश्किल है। संसार सागर में जितना प्रसन्न रहना है रहिये, जीवन में जितना प्रसन्न रहेगे, आनंद से रहेगे और खुश रहेगे उतना ही आपका स्वभाव सात्विक होगा।
श्री मिश्रा जी ने कहा कि शिव तत्व की प्राप्ति के लिये जीवन में कितना भी कर्ज हो, दुख, परेशानी, समस्या आये पर हमे अपने प्राणा को नही छोड़ना है। शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाना तो मन में प्रसन्नता रखकर जल चढ़ाना तो निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा।
मगरलोड के मोतिमपुर निवासी चमन बाई साहू का पत्र पढकर सुनाया कि 2012 में पति का निधन हो गया शरीर में बीमारी आ गया बच्चेदानी में गांठ हो गया जिसके ईलाज के लिये कई हाॅस्पिटल में ईलाज कराने के बावजूद आराम नही मिला। यहां तक अपने प्राणो को त्यागने का मन बना लिया था और उनके दोनो बेटी ससुराल चली गयी जिन्होने अपने बेटी के कहने पर शिव जी को एक लोटा जल चढ़ाना चालू किया तब से मेरी शरीर की सारे व्याधी मिट गई।
ज्योति मोहन लाल जैन जगदलपुर का पत्र पढकर सुनाया कि एक लोटा जल की महिमा बताया कि 20 से 25 बार मिर्गी तोरे आना चालू हुआ तो डाॅक्टर को दिखाने से डाॅक्टर भी आश्चर्य रह गया 15 दिन तक शिव जी में जल अर्पण करना चालू किया तो आराम मिलना शुरू हुआ और अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।
शिव महापुराण कथा का रसपान करने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नि श्रीमति साय ने पहुंचकर कथा का रसपान किया। कथा का रसपान करने लाखो की संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचकर रसपान किया। कथा का रसपान करने उमड़ी जन सैलाब। कुरूद नगर सहित अंचल शिवमय हो गया। कथा श्रवण करने विधायक अजय चंद्राकर, धर्मपत्नि श्रमति प्रतिभा चंद्राकर, कमला देवी शर्मा, प्रकाश शर्मा आदि उपस्थित थे।