कन्या को दुर्गा स्वरूपा समझना होगा – श्री परमानंद जी महराज

पाटन । अंचल के अन्तर्गत मटंग ग्राम में श्रीमद देवी भागवत पुराण कथा के आज छटवाँ दिवस में महिसासुर वध की कथा युग पुरोहित श्री परमानंद जी महराज के श्रीमुख से वर्णन किया गया! झांकी के माध्यम से कथा में देवी का अवतार हुआ फिर श्रोतागण शक्तिस्वरूपा माँ जगदम्बा की तीनों रूपों की आरती की गईं।

श्री परमानंद जी महराज ने कहा की ईश्वर की प्राप्ति के लिये किस मार्ग में पंहुचकर मिलता है, उसका बढ़िया उदाहरण देकर बताया! उन्होंने बताया की पुत्री को माँ दुर्गा का स्वरूप समझे! 12वर्ष से छोटी कन्या,देवी की रूप होती है! इसमें शक्ति का वास होती है। श्री परमानंद जी महाराज ने सनातन धर्म के विषय में बेटियों को ज्ञान देते हुऐ कहा की अपने सनातन हिन्दू धर्म में ही विवाह करो!किसी अन्य धर्म के लड़के से विवाह नही करना है! तथा कभी भी नही अपने धर्म को छोड़कर जाना है और नही अपने धर्म को बदलना है। आज कल रूपये पैसे के लालच में धर्म परिवर्तन हो रहे है उन पर भी प्रकाश डाला। आयोजनकर्ता घनश्याम पटेल ने ईस आयोजन के लिये जगह नही होने पर अपने साग-सब्जी रहित बाड़ी को उजाड़कर पंडाल बना दिया! रोजाना सैकड़ों की संख्या में ग्राम तथा अन्य ग्राम से श्रद्धांलु कथा श्रवण पान करने आ रहे! श्रोतागन के लिये भोजन तथा चाय पानी की व्यस्था पटेल परिवार के द्वारा किया गया है। इस अवसर पर पोसुराम निर्मलकर, एम एल वर्मा, दानु वर्मा, युमन साहू, रेवा राम ठाकुर,दीपक बारले,मनोज साहू सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।