मनीष चंद्राकर
जामगांव आर।पाटन क्षेत्र के आमालोरी में जारी श्रीरामकथा महोत्सव के चौथे दिन माहौल राममय हो गया राम जन्मोत्सव प्रसंग का सानिध्य लेने चौथे दिन यहां हजारों श्रोता शामिल हुए,शनिवार को कथा के दौरान प्रभु श्रीराम अवतरण प्रसंग पर मानस कोकिला प्राची देवी के श्रीमुख से भये प्रकट कृपाला दीन दयाला के स्वर गूंजे इसके साथ ही दशरथ नंदन,कौशल्या नंदन रामलला के जयकारों के साथ पूरा कथा पंडाल झूम उठा,जय श्रीराम के उद्घोष और सुमधुर भजनों व बधाई गीतों पर देर तक श्रद्धालु झूमते गाते रहे,इसके पूर्व कथा व्यास ने शिव पार्वती संवाद के जरिये राम जन्म के पांच कारणों का रोचक वर्णन करते हुए जय विजय,नारद चरित्र,नारद चरित्र और मनु सतरूपा की कथा बताई ! राष्ट्र जागरण सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीरामकथा महोत्सव में रामकथा की अंतरराष्ट्रीय वक्ता प्राची देवी ने भगवान राम के अवतरण की कथा सुनाते हुए कहा कि जब सच्चे अपमानित होते हैं और मक्कार,झूठे पूजे जाने लगते हैं और अधर्म,अत्याचार बढ़ता है तो वेदनाओं और पीड़ाओं को हरने के लिए भगवान अवतरित होते ही है ! कार्यक्रम का संचालन टीवी एंकर शेखर शर्मा ने किया ! संध्या आरती में पं राजकिशोर शुक्ला,जिपंस हर्षा लोकमनी चंद्राकर,संयोजक अरुण चंद्राकर,मुख्य यजमान पुष्पा महेंद्र बंछोर,सुनील सरोज देवांगन,शीतल मनीष चंद्राकर,करुणा मनोज बंछोर,लीला अशोक सिंह,सियाराम मालती चंद्राकर,लालेश्वर साहू,अनि चंद्राकर,जगन्नाथ देवांगन,बीआर साहू,रेवाराम साहू,रोमलाल साहू,ताल सिंह ठाकुर,गयाराम साहू,यादमल गोलछा,जसवंत साहू,टोपेन्द्र वर्मा,घनश्याम पटेल सहित अन्य शामिल हुए !

■ जीवन मे कुशलता के लिये रामभजन और भक्ति जरूरी–प्राची देवी आज हर मां भगवान राम जैसा पुत्र चाहती हैं लेकिन इसके लिये माताओ को कौशल्या के चरित्र को अपनाना होगा,उन्होंने जीवन में मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पिता तो केवल एक अंश देता है,लेकिन मां की भूमिका तो बच्चे के व्यक्तित्व को स्वरूप देती है मां का स्वभाव उसके संस्कार बच्चे में सबसे ज्यादा आते हैं नारी का परिचय ,धैर्य,समर्पण,ममता,वात्सल्य,शील,वीरता,मर्यादा व दोनों कुलों का सम्मान बनाए रखना है,यह जीवन में सफल होने का मंत्र है उन्होंने आगे कहा कि जब तक व्यक्ति के जीवन में राम का भजन नहीं होगा तब तक उसे कुशलता नहीं मिलेगी,राम नाम लीजिए सदा सुखी रहिए ,इस महामंत्र का जिसने भी आश्रय लिया उनका जीवन संवर गया है !
