ईश्वर तो कण कण में व्याप्त है, भागवत कथा श्रवण से मिलता है मोक्ष , कसही में भागवत कथा का आयोजन

पाटन। ग्राम कसही में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का पहले दिन कलश यात्रा निकाली है। इसके बाद शाम को बेदी पूजन और गोकर्ण की सुनाई गई। कथा वाचक पंडित वासु मोहन दुबे ने कहा की ईश्वर तो कण-कण में हैं। लेकिन वह दिखाई नहीं देते हैं। उद्धारण के तौर पर पानी में नमक घोलते हैं तो दिखाई नहीं देता है। लेकिन चखने पर प्रतीत होता है। उसी प्रकार परमात्मा कण-कण में व्याप्त हैं।

परमात्मा को तो केवल भक्ति से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने नवरात्रि के समय में कन्याओं के पूजन व कन्याओं की रक्षा करने का संदेश देते हुए कहा कि सनातन धर्म में कन्याओं की पूजा की जाती है। इसलिए कन्याओं की रक्षा करने के साथ उन्हें शिक्षित करें जिससे समाज और देश प्रगति पर चले। कथा के दौरान श्रद्धालुओं को धार्मिक भजनों पर नृत्य करते व जयकारे लगाते हुए भी देखा गया। कथा का वाचन करते हुए पंडित जी ने कहा कि, भागवत कथा सुनना और भगवान को अपने मन में बसाने से व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आता है। भगवान हमेशा आपने भक्त को पाना चाहता है। जितना भक्त भगवान के बिना अधूरा है उतना ही अधूरा भगवान भी भक्त के बिना है। भगवान ज्ञानी को नही अपितु भक्त को दर्शन देते हैं। और सच्चे मन से ही भगवान प्राप्त होता है। भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे। इससे पहले ग्राम के शीतला तालाब से कलश यात्रा निकाली गई। जिसमे ग्राम की महिलाओं और युवतियों ने सिर पर कलश धारण कर शोभा यात्रा में शामिल हुई।