पाटन।विरांगना महारानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दि जयंती समारोह शुक्रवार को कृषि महाविद्यालय मर्रा में मनाया गया।कार्यक्रम में महाविद्यालय और मर्रा स्कूल के छात्र छात्राओं को विरांगना अहिल्याबाई होल्कर के संघर्ष व जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके त्याग और न्याय से बच्चों को अवगत कराया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के डॉ टोपलाल वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा आज से 250 साल पहले देवी अहिल्याबाई होल्कर के शासन को हम सुशासन कह सकते हैं ,इसलिए हम इन्हें लोकमाता कहते हैं।वे एक न्याय प्रिय शासक थी ।

उन्होंने विरांगना अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी बताते हुए कहा कि मल्हार राव होल्कर ने 8 वर्षीय अहिल्याबाई होल्कर की धर्मपरायणता देखकर उन्हें अपनी पुत्रवधु बना लिया,और 13 साल की अहिल्याबाई इंदौर की महारानी बन गई,एक युद्ध में पति की मृत्यु के बाद पूरे मालवा प्रान्त की प्रजा की रक्षा के लिए उन्होंने सती होने का विचार त्याग दिया और राज पाठ चलाने लगी ,उस समय देश में अंग्रेजों और मुगलों का प्रभाव था,उनसे अपनी प्रजा को बचाने के लिए उन्होंने अस्त्र शस्त्र बनवाया, मालू जाती के लोगो को बसाया और कुटीर उद्योग की स्थापना की ,अपने नगर को सैनिक नगर बनाया।ससुर और पुत्र के निधन के बाद उन्होंने इंदौर से महेश्वर को राजधानी बनाया महेश्वर के नर्मदा नदी में 28 घाट और शहर में 50 मंदिर बनवाये ।
उन्होंने सम्पूर्ण भारत मे मंदिर बावली और सड़कों का निर्माण कराया।ज्योतिर्लिंगों का संधारण करवाया विश्राम शाला और अन्न भंडार बनवाए जलाशय का निर्माण भी कराया।किसानों के लिए कार्य किये ,महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वो उन्हें सती होने से रोकती थी,एकेली महिला की सम्पति को वापस किया। दत्तक पुत् और पुनर्विवाह करने पर जोर दिया।उन्होंने पर्यावरण के लिए काम किये किसानों से आम नीम अमली के पेड़ लगवाए।शिक्षा के लिए उन्होंने गुरुकुल की व्यवस्था की और 19 अलग अलग विषयो पर शोध कार्य करवाये।उन्होंने बच्चों से कहा कि ऐसी लोकमाता से हमें सीखना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अधिष्ठाता डॉ अजय वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा देश स्वतंत्रता का अमृत उत्सव मना रहा है, ऐसे में ये जरूरी है कि हम अपने शहीदों संतो और वीरांगनाओं को याद करें।
रानी अहिल्या बाई सच्ची समाज सेविका थी उन्होंने महिलाओं,पीड़ित ,शोषित व कमजोर वर्ग के लिए अनेक कार्य किया वे एक बेहतरीन शासक थी,उन्होंने छात्र छत्राओं को अहिल्या बाई के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।
विशेष अतिथि सरपंच पालेश्वर ठाकुर ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने कठिन परिस्थिति के उपरान्त भी कुशलता से साम्राज्य का संचालन किया। उन्होंने लोक कल्याणकारी राज्य व्यवस्था को साकार रूप दिया।
कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कुमार साहू और आभार प्रदर्शन राकेश तिवारी ने किया।इस अवसर पर किशोर साहू सुनील पटेल दीपक सावर्णि प्रकाश कश्यप लालाराम वर्मा लखन वर्मा उमाशंकर वर्मा अरुण वर्मा सहित महाविद्यालय के स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित रहे।