जगत कल्याण के लिए होता है भगवान का अवतार, पतोरा में भागवत कथा का आयोजन
पाटन।
सार्वजनिक हनुमान मंदिर पतोरा के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान सुमधुर भजनों के धुन पर श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के स्वागत में जमकर झूमे। स्थानीय बाल कलाकारों ने कृष्ण जन्म की झांकी प्रस्तुत की। इस दौरान पंडित तोरण महाराज के भावपूर्ण प्रवचन ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
पंडित तोरण महाराज ने कथा के चौथे दिन वामन अवतार और समुद्र मंथन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जहां प्रेम होता है, वहीं भगवान का वास होता है। इसलिए घरों में आपसी प्रेम को महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने वामन अवतार के कथा प्रसंग पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि कभी भी धर्म से जुड़े हुए कार्य में बाधा नहीं बनना चाहिए। भगवान वामन को दक्षिणा के दौरान संकल्प में दैत्य गुरू शुक्राचार्य ने यह बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की। जिससे उन्हें आंख गंवानी पड़ी और सदैव अंधकार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि धर्म के कार्य में बाधा पैदा करने वाले का जीवन भी अंधकार हो जाता है। इसलिए धर्म के कार्य पर निरंतर सहयोग की भावन रखनी चाहिए।
विचारों के मंथन से निकलता है अमृत
पंडित तोरण महाराज ने समुद्र मंथन की कथा के दौरान मौजूदा दौर में आ रही विचारों में विकृति पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि विचार शुद्ध होना चाहिए। इसके साथ ही विचारों का मंथन भी जरूरी है। विचारों का मंथन होगा तभी समुद्र मंथन की भांति जीवन में भी अमृत रूपी सूखों की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि सुखों से पहले हलाहल की तरह बुराइयों का सामना करना पड़ात है।
धर्म परिवर्तन माता-पिता बदलने की तरह
