कोंडागांव/बोरगांव । छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से सभी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। केंद्र सरकार के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी काम छोड़कर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन की वजह से स्कूलों में पढ़ाई नही के बराबर हो रही है, तथा न्यायिक कामकाज, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज सभी ठप्प हो गए हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 6% महंगाई भत्ता अगस्त 2022 से बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया है, लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में भारी नाराजगी है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% देय तिथि से बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। केंद्र सरकार के सामान महंगाई भत्ता 34% देने की मांग की जा रही है। महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर कर्मचारी निकल चुके हैं। प्रदेशभर में लगभग 4.50 लाख से ऊपर कर्मचारियों के हड़ताल से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है। हड़ताल को 101 कर्मचारी-अधिकारी संगठन का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है।
कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक भास्कर वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने 01 जुलाई 2019 के लंबित मंहगाई भत्ते की 5% किस्त को 1 जुलाई 2021 से स्वीकृत कर कुल 17% किया था, जिसमें देय तिथि 1 जुलाई 2019 से लेकर 30 जून 2021 तक के वेतन में अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया। सरकार ने फेडरेशन के आंदोलन के बाद 1 मई को डीए में 5% की वृद्धि की थी। कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक 17% डीए पर वेतन बना था, लेकिन सरकार ने वेतन में अंतर की राशि का भुगतान फिर नहीं किया। सरकार ने डीए में 6% की वृद्धि 01 अगस्त 2022 से कर 28% किया है, जबकि केंद्र में 28% डीए का देय तिथि 01 जुलाई 2021 है। राज्य सरकार ने छल करते हुए देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया है।
आज आंदोलन में अशोक मरकाम, श्रीराम नेताम, कमलोचन नेताम, चैतू नेताम, महेश नाग, वासुदेव नाग, संतोष देवांगन, प्रभा सज्जल, अनिता मंडावी, नवलदाई मरकाम, गोदावरी कोर्राम, मुरली नायक, विशेष सिंह, मेघनाथ साहू, सोनाधर पोयाम, शिवराम मरकाम, डमरु साहू, शिव साहू सहित भारी संख्या में अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।