उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र कुर्मी प्यारेलाल बेलचंदन, स्थानीय राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले वासुदेव चन्द्राकर के समकालीन गांधीवादी नेता थे। जब दुर्ग ग्रामीण विधानसभा का नाम खेरथा विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था, तब उन्होंने खेरथा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उस समय किसानों के बेहद जरूरी माने जाने वाली एक सिंचाई परियोजना की दरकार थी। अविभाजित मध्यप्रदेश के 1993 के विधानसभा चुनाव में जब दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी तब स्व बेलचंदन विधायक रहते हुए खरखरा मोहदीपाट सिंचाई परियोजना की पुरजोर मांग उठाई। इसके लिए स्व. प्यारेलाल बेलचंदन ने काफी संघर्ष किया और आखिर कार मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा इस परियोजना को मंजूरी दी गयी।
बेलचंदन के गृह ग्राम तिरगा के स्कूल का नामकरण उनके नाम से करने का एलान कुछ समय पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया था, जिसे शिक्षा विभाग द्वारा पत्र जारी कर आज स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। श्री साहू ने बताया कि यह सन्त जैसी छबि वाले दिवंगत कांग्रेस नेता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि कतई नही कही जा सकती। अब जब राज्य में असली छत्तीसगढ़िया सरकार आई है, ऐसे में स्व बेलचंदन जैसे छत्तीसगढ़ के महान सपूतों की याद जीवंत बनाये रखने जरूरी है; तभी आने वाली पीढ़ी अपनी विरासत पर गर्व कर सकेगी।