त्योहारी सीजन में महंगाई भत्ता व एरियर्स देकर आक्रोश को कम करें सरकार – राजेश पाल

रायपुर।वर्तमान समय में राज्य सरकार अपने ही किए गये वादे को पूरा करने में पूरी तरह असफल हो रही है सत्ता में आने से पहले सत्तारूढ़ दल ने सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने, पदोन्नति समय पर करने, महंगाई भत्ता देय तिथि से प्रदान करने के साथ-साथ लंबित एरियर्स राशि प्रदान करने जैसे वादे किए थे और राज्य के शिक्षक व कर्मचारियों ने उनके वादे पर विश्वास जताया था, परिणाम स्वरूप राज्य में सरकार स्थापित हुई अपितु दीर्घ मांगो की पूर्ति हेतु यदि समय भी दिया जाए तो भी महंगाई भत्ता जैसे मांगों को अभी तक पूरा न करना यह समझ से परे है सरकार को यह बात बताना चाहिए कि वह डी ए जैसी मांग को पूरा क्यों नहीं कर रही है ऐसे में अन्य शेष मांगों के लिए पूरा होने का विचार भी हमारे लिए बेमानी साबित होगा ।

इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफेडरेशन संगठन के प्रदेश प्रमुख राजेश पाल ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा की राज्य में अभी जो क्रमिक आंदोलन हो रहे हैं यह वह चिंगारी है जो यदि शीघ्र ही ध्यान ना दिया जाए तो यह चिंगारी अनिश्चित कालीन आंदोलन के रूप में भड़क सकता है ।इसके बाद राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था और प्रदेश के विभिन्न विभागों की कार्यव्यवस्था बुरी तरीके से प्रभावित हो सकती है ।

जिससे बहुत नुकसान राज्य के छात्रों व नागरिकों का हो सकता है इसलिए महाफेडरेशन अध्यक्ष राजेश ने मांग की है की कर्मचारी व शिक्षकों की सभी अनिवार्य व लीगल मांगों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए शीघ्र सकारात्मक आदेश पारित करें साथ ही बीएड और डीएड धारी शिक्षक जिन्होंने नौकरी प्राप्त कर ली व जिन्हें नौकरी दी जानी है।

उन सभी की अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए एक बीच का मार्ग निकाले ताकि नौकरी प्राप्त बीएड धारी शिक्षक के साथ भी अन्याय ना हो उनकी नौकरी सुरक्षित रहे और खाली पदों पर शीघ्र नई भर्ती निकले जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित न हो और यदि ऐसा नहीं होता तो आने वाले समय में सभी शिक्षक संगठनों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफेडरेशन भी समूचे प्रदेश में आंदोलनों में अपनी शत प्रतिशत भागीदारी देगा और होने वाले नुकसान की पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

चुंकि आने वाले समय में त्यौहारी सीजन है एसे में हमें सरकार के मुखिया विष्णु देव साय पर पूरा भरोसा है कि वे अपने संवेदनशील स्वभाव के अनुसार प्रदेश के अपने शिक्षकों व बेरोजगार बच्चों को निराश नहीं करेंगे और उनके साथ न्याय करेंगे। आने वाले समय में महाफेडरेशन मांगों के संबंध में सभी पदाधिकारी व सदस्यों के साथ बैठकों का दौरा शुरू करेगा एवं आंदोलन की रणनीति को तैयार करेगा।