सरकारें बदली पर पंचमू परिवार के भाग्य में कोई बदलाव नहीं आया, टुटी फुटी झोपड़ी में रहते हुए नरकीय जीवन जीने को मजबुर है नेत्रहीन पंचमू के परिवार

आशीष दास

कोंडागांव/बोरगांव । सरकारें आते जाते रहती है पर बेचारे भाग्य के मारे गरीबों की बदहाल जिंदगी पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। यह बात विकास खंड फरसगांव के ग्राम गट्टी पलना के पंचमू नेताम पर बिल्कुल सही बैठता है। गरीब पंचमू का परिवार भाजपा की सुराज को देखा पर 15 बरस में सुराज ने पंचमू के परिवार की तरफ नजरें इनायत नहीं की, उसके बाद कांग्रेस की सरकार आ गयी पर सरकार बदलने पर भी पंचमू परिवार के भाग्य में कोई परिवर्तन नहीं आया। कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद हालात जस के तस है।

टुटी फुटी झोपड़ी में रहते हुए नरकीय जीवन जीने को मजबुर-

फरसगांव विकासखंड मुख्यालय से महज 05 किमी दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत गट्टी पलना निवासी पंचमू नेताम अपने पत्नी एवं बेटे के साथ ग्राम पंचायत कार्यालय के किनारे बनी टुटी फुटी झोपड़ी में रहते हुए नरकीय जीवन जीने को मजबुर है।

ग्रामीणों के अनुसार करीबन 5 साल पहले एक हादसे में 58 वर्षीय पंचमू नेताम के आंखों की रौशनी पूरी तरह चला गया था। उनकी पत्नी लछनी जो कि पहले से ही मानसिक रूप से बिमार है। एक बेटी जिसकी शादी हो गई और घर में एक 16 वर्षीय बेटा रामसाय जो दसवीं तक तो पढ़ाई कर परिवारिक आर्थिक स्थिति के चलते पढ़ाई छोड़ कर दिहाड़ी मजदूरी करने में विवश हो गया।

अमृत महोत्सव का अमृत पंचमू परिवार को नसीब नहीं-

राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के पंचायत राज के सपने को साकार करने वाले पंच परमेश्वर के पंचायत कार्यालय के ठिक बाजू में और विकासखंड मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूरी स्थित इस परिवार तक आज तक शासन की योजना नहीं पहुंची। कांग्रेस सरकार का सेवा जतन सरोकार, छत्तीसगढ़ सरकार, का यह नारा इस परिवार पर फलीभूत होता नजर नहीं आ रहा है और आजादी के 75 वें वर्ष में मनाये जा रहे अमृत महोत्सव का अमृत पंचमू परिवार को नसीब नहीं हो पा रहा है। सरकारी सौजन्य के नाम से केवल राशन कार्ड और नेत्रहीन पंचमू नेताम को मात्र 350 रूपए पेंशन छोड़कर कोई भी सरकारी सहायता नहीं दिया जा रहा है और वह भी पेंशन के रुपए निकालने बड़ी मुश्किल से फरसगांव बैंक जाना पड़ता है। पत्नी लछनी नेताम अपनी हल्बी बोली में बताई कि पंचायत में आवास हेतु कई बार लिखाए, लेकिन उन्हें आज तक आवास प्राप्त नहीं हुआ।

जबकि उसे सिर छिपाकर रहने के लिए एक आवास की निहायत जरूरत है जो नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते तेज धूप -कडकती ठंड और झमाझम बारिश में त्रिपाल के नीचे रहने को लाचार होना पड रहा हैं।दुर्घटना के शिकार पंचमू का दोनो आंख खराब होने से उसे दिखाई नहीं दे रहा है पर दिन हीन गरीब की सेवा एवं समाज कल्यांण की जवाबदेही संभालने वालों को पंचमू की बदहाल जिंदगी क्यों दिखाई नहीं दे रहा है यह पुछती है जनता

क्या कहते हैं जिला पंचायत सीईओ-

इस विषय पर जिला पंचायत सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा से बात करने पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से अलग से आवास सुविधा देने का प्रावधान नहीं है, क्रमानुसार वरियता सूची के आधार पर ही प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो सकती है। अन्य सुविधा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पेंशन एवं राशन कार्ड के अलावा अन्य सुविधाएं देने का प्रावधान नहीं है।