अंडा। शैलदेवी महाविद्यालय अंडा में आयोजित गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। इस महोत्सव के मुख्य अतिथि श्री राजन दुबे, अध्यक्ष, शैलदेवी महाविद्यालय एवं निर्णायक के रूप में रश्मि देशमुख, नृत्य शिक्षिका, शंकराचार्य विद्यालय, सेक्टर– 10, भिलाई थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा मां दुर्गा के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजन के पश्चात कार्यक्रम का श्री गणेश हुआ। इस महोत्सव में महाविद्यालय परिवार और स्थानीय समुदाय ने परंपरा, उल्लास और सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्वितीय संगम देखा। बीएससी बी.एड. चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस वर्ष के गरबा महोत्सव की विशेषता यह थी कि इसमें कुल 12 नृत्य समूहों ने अपने मनमोहक प्रस्तुतियों के सांस्कृतिक रंग और पारंपरिक नृत्य कौशल से उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। इसके पश्चात सभी नृत्य समूहों ने मंच पर रंग-बिरंगे परिधानों में गरबा की विविध शैलियों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी एवम् गुजराती संगीत की धुनों पर थिरकते हुए नर्तकों ने समूचे वातावरण को जीवंत कर दिया। महोत्सव में नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ नृत्य समूह, सर्वश्रेष्ठ परिधान, और सर्वश्रेष्ठ जोड़ी के पुरस्कार दिए गए। निर्णायक सहित स्थानीय सांस्कृतिक विशेषज्ञों के साथ महाविद्यालय के शिक्षकों ने भाग लिया। इस आयोजन में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षकों और स्थानीय समुदाय की भी महत्वपूर्ण भागीदारी रही, जिसने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया। सभी नृत्य समूहों की अद्भुत प्रस्तुति गरबा महोत्सव का मुख्य आकर्षण सभी नृत्य समूहों द्वारा दी गई ऊर्जावान और सजीव प्रस्तुतियां रहीं। सभी समूहों ने अपनी-अपनी शैली और जोश के साथ प्रदर्शन किया, जिससे प्रतियोगिता में रोमांच और कला की विविधता देखने को मिली। नृत्य के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों और संगीत ने दर्शकों का उत्साह दोगुना कर दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अध्यक्ष ने कहा, “गरबा महोत्सव हमारे सांस्कृतिक मूल्य और परंपराओं को जीवंत रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस वर्ष 12 नृत्य समूहों की भागीदारी ने इस आयोजन को और भी विशिष्ट बना दिया। महाविद्यालय परिवार और स्थानीय समुदाय का ऐसा उत्साह हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करता है।”
शैलदेवी महाविद्यालय का यह गरबा महोत्सव न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय के बीच सौहार्द और सामूहिकता की भावना को मजबूत करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध हुआ। प्रति वर्ष आयोजित होने वाला यह महोत्सव महाविद्यालय की प्रमुख सांस्कृतिक गतिविधियों में से एक है, जिसे इस बार की प्रस्तुतियों ने और भी अविस्मरणीय बना दिया। महोत्सव का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ, विजयी नृत्य समूहों और प्रतिभागियों को अध्यक्ष महोदय द्वारा नगद राशि से सम्मानित किया गया, जिसमें क्रमश: प्रथम पुरस्कार: ₹3100 मां तपस्विनी गरबा समूह (बी.एड. तृतीय सेम.) , द्वितीय पुरस्कार: ₹2100, मां कालरात्रि गरबा समूह (बी. कॉम.), तृतीय पुरस्कार: ₹1500, मां भाग्यश्री गरबा समूह (बी.एस.सी. प्रथम एवं द्वितीय वर्ष), चतुर्थ पुरस्कार: ₹1100, मां कात्यायनी गरबा समूह को एवं अन्य सभी गरबा समूहों को भी ₹501 का नगद सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। दर्शकों ने इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की और महाविद्यालय प्रबंधन ने भविष्य में और भी भव्य आयोजनों की योजना बनाने का संकल्प लिया।
