शारदीय नवरात्रि महोत्सव की भव्य तैयारी प्रारंभ

पंडरिया। नगर के हृदय स्थल में विराजित प्राचीन सिद्ध शक्ति पीठ श्री महामाया देवी मन्दिर एवम दल सागर ताल के ऊपर पार में चल स्थापित मां विरासना देवी मन्दिर में मनोकामना कलश स्थापना की तैयारी जोरो से चल रही हैं।3 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में अखंड ज्योति कलश स्थापित किया जायेगा।8अक्टूबर को पंचमी, 11अक्टूबर 2024को महाअष्टमी व नवमी तथा 12 अक्टूबर को रावण दहन विजयदशमी (दशहरा) जेवारा विसर्जन भव्य शोभायात्रा के साथ किया जायेगा।महामाया मन्दिर के पुजारी पंडित अभिषेक पाठक ने बताया की मन्दिर के सर्वराकार नाबालिक राजा भिवान राज सिंह, संरक्षक कुमार अमर राज के कुल देवी इन दोनों मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में सकल जन रंजन सर्व कल्याणार्थ मनोकामना दीप दान किया जाता हैं।

500 वर्ष से अधिक समय से स्वंभू माता मंदिर महामाया देवी पंडरिया जमीदारी जो आज़ादी के पहले छत्तीसगढ़ राज का सबसे बड़ी स्वतंत्र जमीदारी के रूप में स्थापित था।484गांव की जमींदारी जिसकी राजधानी मैकल श्रेणी पर्वत मालाओं के तलहटी में में बसा नारसिंह देव एवम महादेव बूढ़ादेव के धाम कामठी में था, उस समय पंडरिया का कोई वजूद नहीं था।कामठी से जमींदारी का कार्य संचालन होता था। कालांतर में पंडारी कापा उर्फ प्रतापगढ़ जो आज पंडरिया के रूप में विद्यमान हैं।

जमींदारी का मुख्यालय बनाया गया। पंडरिया श्री महामाया देवी उस समय कामठी में विराजित थी,सौ तालाबों के बीच, राजपरिवार के पंडरिया आने से कुल देवी श्री महामाया कामठी ने तत्कालीन राजा को स्वप्न आदेश दे कर वर्तमान महामाया मन्दिर परिसर उस काल में बांस का घनघोर जंगल था।उसी बीच खुदाई से श्री माता का प्रादुर्भाव हुआ।उसी स्थल पर कामठी के काले पत्थरों से भव्य मन्दिर का निर्माण हुआ। तत्कालीन जमींदार द्वारा पाठक परिवार को रतनपुर श्री महामाया से पंडरिया महामाया देवी की पंचोपचार पूजन के लिए लाया गया।तभी से पंडरिया राज परिवार के द्वारा विधि विधान से वर्ष में दो बार नवरात्रि पर्व पर विशेष पूजा अर्चना आयोजित किया जाता हैं।
भागवत कथा का आयोजन
इस वर्ष दिवंगत राजा सुनील राज सिंह के वार्षिक श्राद्ध एवम स्व कृष्णराज सिंह पूर्व राजा के अलावा राजा रघुराज सिंह, राजा यदुनाथ सिंह राजा धर्म राज सिंह, राजा पदम राज सिंह राजा विश्वराज सिंह सहित राज परिवार के सभी दिवंगत रानियों के पुण्य स्मृति पर भव्य संगीत मय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन 29सितम्बर से किया जा रहा है।चित्रकूट निर्मोही अखाड़ा के साध्वी प्रज्ञा भारती प्रवक्ता रहेंगी। 29सितंबर को शोभायात्रा के बाद 30 सितंबर को कथा प्रारंभ होगी।5अक्टूबर 2024को वार्षिक श्राद्ध के साथ संपन्न होगा।