हाफ नदी की धार टूटी,नदी किनारे स्थित गांवों में होगी निस्तारी की समस्या,भूजल स्तर पर प्रभाव


पंडरिया-नगर के पास से गुजरने वाली हाफ नदी का धार शुक्रवार को टूट गई।नगर से सटे ग्राम बिशेषरा के पास से हाफ नदी गुजरती है।जिसके किनारे स्थित करीब 200 से अधिक गांवों के लोगों का निस्तार होता है।हाफ नदी कोरोना काल के दौरान 2020 व 2021में नहीं सुखी थी। जिसके बाद नदी लगातार सुख रही है।ब्लाक के अधिकतर गांव हाफ नदी पर निर्भर है।हाफ नदी में बहाव टूटने के कारण नदी किनारे स्थित गांवों में लोगों की परेशानी बढ़ेगी।

हाफ नदी पंडरिया के पंडरीपानी व बोड़ला ब्लाक के दलदली के मध्य मैकल
श्रेणी से निकलती है।जो बेमेतरा जिले से होते हुए नांदघाट के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है।इस नदी की लंबाई करीब 35 से 40 किलोमीटर है।हाफ नदी जिले की सबसे बड़ी व लंबी नदी है।नदी के पानी का दोहन ईंट बनाने सहित सब्जी भाजी की खेती के कारण बढ़ गया है।नदी किनारे स्थित गांवों में मोटर पम्प लगाकर पानी से ईंट बनाने का कार्य किया जा रहा है।जरूरत से ज्यादा दोहन होना भी नदी के सूखने के एक कारण है।हाफ नदी से करीब 200 से अधिक गांव के लोगों का जीवन यापन होता है।हाफ नदी के किनारे स्थित गांव के लोग हाफ नदी से सब्जी भाजी का उत्पादन करते हैं।जिससे सिंचाई का कार्य करते हैं।
सदवाहिनी होती थी हाफ नदी-करीब 11 वर्ष पूर्व यह नदी सदवाहनी नदी के रूप में थी,जिसमे पूरे वर्ष पानी का बहाव रहता था।किंतु विगत 7-8 वर्षों से यह नदी गर्मी के मौसम के सूख सुख रही है।पानी का दोहन कम होने व मानवीय हस्तक्षेप नहीं होने के कारण कोरोना के दौरान नदी में पूरे वर्ष भर पानी का बहाव रहा।


संरक्षण की आवश्यकता-हाफ नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी होने के साथ अधिक महत्वपूर्ण भी है।इस नदी के माध्यम से नदी किनारे स्थित 200 से अधिक गांव के लोगों की जीविका चलती है।इस नदी से पानी लेकर सब्जी -भाजी की खेती कर अपनी जीविका चलाते हैं।नदी सूखने के असर आस-पास के ग्रामीणों पर होता है।इसके अलावा नदी का पानी सूखने के कारण आस -पास के गांवों में भूजल स्तर नीचे चला जाता है।नदी में बढ़ते प्रदूषण व व बेतरतीब पानी का दोहन सहित रेत उत्खनन से नदी के सदावाहनी होने में बाधा बन रही है।नदी के संरक्षण के लिए शासन व लोगों को प्रयास की जरूरत है।
कुछ जगह सुखी रह जाती है नदी-नदी में अनेक स्टाप डेम होने से पानी भरे रहते हैं,कई जगह स्टाप डेम वाले गांवों में पानी गर्मी के दौरान भी लोगों को मिल जाता है।जिससे अधिकांश गांवों में पानी का स्तर बना रहता है।वहीं अनेक गांवों में नदी सुख जाने व स्टाप डेम नहीं होने से गांवों में पानी की समस्या होती है।बिशेषरा,रौहा,मंझोली,देवपुरा,धोबघट्टी, नवागांव हटहा,डोमसरा,पिपरखुटी,खरहट्टा,सहित अनेक गांवों में पानी की समस्या होती है।धोबघट्टी व डोमसरा के पास स्टाप डेम बनने से अधिकतर भागों में भी गर्मी के दौरान निस्तारी के लिए पानी मिक सकता है।