धनोरा मे माघी पुननी के पावन पर्व पर हनुमंत कथा एवं शत् चंडी यज्ञ शुरू

अंडा। बाबा दरबार पावन धाम धनोरा एवं समस्त ग्रामवासी धनोरा दुर्ग के विशेष सहयोग से माघी पुननी के पावन पर्व पर हनुमंत कथा 4 फरवरी से प्रारंभ हो चुका है दरबार के लक्ष्मण बाबा जी ने बताया कि सुबह 8 बजें से 12 बजे तक शत् चंडी यज्ञ एवं दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक हनुमंत कथा चल रहा है शत् चंडी यज्ञ के मुख्य यजमान  गुलाब साहू श्रीमती सुनीता साहू  मनोज पटेल हितेश पटेल सुख ऊ राम साहू बुधकुवर साहू मारियल साहू ज्योति साहू कल्याण देवांगन अंजू देवांगन ललित साहू मंजू साहू योगेश साहू देवश्री साहू एवं हनुमंत कथा के मुख्य यजमान राजू यादव ललिता यादव  मनसुखा साहू लक्ष्मी साहू रोशन साहू प्रभा साहू है दुसरे दिन पंडित दीपक पाण्डेय ने बताया कि गुण मिले तो गुरु बनाओ चित मिले तो चेला मन मिले तो मित्र बनाओ वर्ना रहो अकेला राम को सीता के बिना देखने पर सती और सुग्रीव दोनों को शंका हो गयी सीता स्वयं भक्ति है

और भक्ति के बिना भगवान को देखोगे तो संशय होगा ही अतः भगवान को भक्ति के साथ देखना चाहिए आगे पंडित दीपक पाण्डेय ने गुरु और शिष्य के कथा में प्रकाश डालते हुए कहा कि हनुमान जी गुरु स्वरूप है हनुमान की कृपा से ही सुग्रीव को भगवान की प्राप्ति हुई यह कथा बताती है कि गुरु के बिना भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती गुरु रुप मे हनुमान जी ने ही तुलसी दास जी को चित्र कुट में राम जी का दर्शन कराया था गुरु कमल के समान होते हैं जो संसार में रहते हुए भी संसार से ऊपर होते हैं जैसे कमल जल मे रहते हुए भी जल से उपर रहते हैं

अतः हनुमान कथा से गुरु का महत्व भी पता चलता है साथ ही एक आदर्श सेवक और भक्त का उदाहरण भी दिखाई पड़ता है यह कथा मे डुबकी लगा रहे हैं  विनोद साहू झब्बू साहू सुखी राम दिनेश साहू बाबू लाल ठेकेदार मुनना गंधर्व जीवराखन ठेकेदार भोलू खिलेशवर चीन्टू साहू रुपलाल साहू रोमनाथ साहू बबलू गज्जू रायपुरीहा कुनाल साहू नंद पंडा डां धनेशवर साहू डोरे लाल साहू श्रीमती बबीता साहू टिकेशवरी साहू संगीता स्प्रे मुंगा स्प्रे रेखा पटेल दुर्गा साहू ललिता यादव पुर ई न बाई पार्वती साहू रुक्मणी कौशिलया सेन नीरा साहू कु डिम्पल साहू कु पुजा कु बेदू कु सुरुची छोटी कु नेहा वासुदेव स्प्रे सुनील कहार सुंदर स्प्रे आदि ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे यह जानकारी दरबार प्रति निधी चंन्द्र कांत कोसरे एवं कुंज लाल साहू जी ने दी।