हरेली उत्सव पर रहा हड़ताल का असर, स्कूलों में मनाया जाना था हरेली का पर्व

*गेड़ी डे के आयोजन पर फिरा पानी_*

कोंडागांव/बोरगांव :~ महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर अड़े कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से चौथे दिनों में हालत ये हुई कि गुरुवार को हरेली तिहार पर हड़ताल का असर दिखाई दिया। आज हड़ताल के चौथे दिन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा मंच पर भजन कीर्तन कर भगवान से सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना की।

बता दें कि हरेली पर इसबार राज्य सरकार ने पहली बार स्कूलों में नये प्रयोग की तैयारी की थी । स्कूलों में छुट्टी के बजाय पारंपरिक प्रतियोगिता के निर्देश थे , ताकि छत्तीसगढ़ की परंपरा का बोध बच्चों को हो और छत्तीसगढ़ अस्मिता भी बढ़े , लेकिन कर्मचारियों – शिक्षकों की हड़ताल ने शिक्षा विभाग की तैयारी पर पानी फेर दिया है ।

*स्कूलों में गेड़ी नृत्यों के आयोजन पर फिरा पानी –*

28 जुलाई को प्रदेश में हरेली का त्यौहार मनाया गया। छत्तीसगढ़ की कला व संस्कृति को प्रोत्साहित करने व बच्चों को इससे जोड़ने के लिए 28 जुलाई को स्कूलों में गेड़ी उत्सव मनाने राज्य सरकार की योजना थी। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी, प्राथमिक माध्यमिक हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के साथ छात्रावास में भी हरेली का त्यौहार विशेष तौर पर मनाने के निर्देश दिए गए थे और कार्यक्रम के दौरान शाला प्रबंधन समिति स्थानीय कलाकार, स्थानीय जनप्रतिनिधि, संगीत मंडलियों की सहायता से विशेष रूप से हरेली तिहार आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। इस खास मौके पर जिलों में पर्यावरण संरक्षण और हरेली की महत्ता पर केंद्रीय संगोष्ठी का आयोजन के साथ साथ स्कूलों में पौधारोपण और पौधों को गोद लेने की व्यवस्था भी की जानी थी। लेकिन हड़ताल के वजह से अधिकांश स्कूलें बंद होने के चलते ये कार्यक्रम नहीं हो पाया। हरेली पर्व पर गेड़ी नृत्य और प्रतियोगिता का आयोजन अधिकांश स्कूलों में खटाई में पड़ा नज़र आया, क्योंकि शिक्षक हड़ताल में है। कोंडागांव जिले में 1985 में से 567 स्कूल रनिंग में हैं बाकी 1418 स्कूलें बंद है।

हड़ताल की वजह से लोगों के काम प्रभावित हाे रहे हैं। जिस वैकल्पिक व्यवस्था का दावा किया जा रहा था, वह अब तक पूरी तरह फेल रही है।

*हड़ताल का गोमूत्र की खरीदी पर पड़ा असर–*

सभी गौठानों में हरेली तिहार पारंपरिक तरीके से मनाने के निर्देश है, लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से अब गांवों में सचिवों की जगह सरपंचों पर पूरी जिम्मेदारी है। ऐसे में कार्यक्रम प्रभावित होना लाजिमी है।

हरेली पर 4 रुपए लीटर के हिसाब से गौठानों में गाेमूत्र खरीदी की शुरुआत होने जा रही है। कर्मचारियों के हड़ताल का असर गोमूत्र की खरीदी पर दिखाई दिया। गौठानों में पंचायत सचिव व कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन ये सब हड़ताल में है।

*नगर पंचायत फरसगांव भी रहा बंद –*

नगर पंचायत फरसगांव के अंतर्गत अत्यावश्यक सेवाओं वाले जलप्रदाय, स्ट्रीट लाइट और सफाई को छोड़ कर नगर पंचायत का पूरा नियमित स्टाफ हड़ताल पर है। नगर पंचायत के अंतर्गत करीब 13 नियमित कर्मचारी हैं। सभी ने हड़ताल के समर्थन में सामूहिक अवकाश का प्रपत्र भर कर दिया है। जिससे लोगों का जाति निवास, अनापत्ति, मंत्री आवास का किस्त, वसूली जमा, सहित अन्य कई कार्य प्रभावित हो रहा है।

*29 को महारैली, जिलेभर के कर्मचारी होंगे शामिल–*

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के पदाधिकारियों के मुताबिक 29 जुलाई को जिला मुख्यालय कोंडागांव में महौरली का आयोजन रखा गया है। इसमें जिले के सभी कर्मचारी-अधिकारी शामिल होंगे। अब तक तहसील व ब्लॉकों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।