राकेश कुमार
कुम्हारी। बुधवार को महाष्टमी पर कुम्हारी स्थित मां महामाया मंदिर एवं शीतला मंदिर में हवन पूजन संम्पन्न हुआ। हवन का कार्यक्रम शाम 5 बजे प्रारम्भ हुआ। नवरात्री में अष्टमी का विशेष महत्व होता है नौ दिन उपवास रहने वाले व्रती विशेष रूप से अष्टमी के हवन में शामिल होते हैं ऐसा मानना है कि तभी व्रतियों के नवरात्र के व्रत पूर्ण होते हैं। महाष्टमी में अलसुबह ही मंदिर में दर्शन हेतु भक्तों का तांता लगा हुआ था। बाकी दिनों की अपेक्षा मंदिर में आज तीन गुना अधिक भीड़ दिखाई दी। शाम पांच बजे रायपुर से पधारे डॉ. आचार्य यशवंत शर्मा द्वारा हवन संम्पन्न हुआ शाम 7 बजे पूर्ण आहुति दी गई।

हवन में स्थानीय लोगों के अलावा आसपास के ग्रामीण भी उपस्थित रहे। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में महामाया मंदिर में 1946 ज्योत जलाए गए थे जिनमे विदेशों से भी लोगों ने अपने व परिवार की मंगल कामना के लिए माता के दरबार मे आस्था के ज्योत जलाए। महाष्टमी में अवसर पर मंदिर परिसर में भोग वितरण भी किया गया व्यक्तिगत एवं कई संस्थाओं ने भी मंदिर प्रांगण में भोग वितरित किये। महाष्टमी के इस पावन अवसर पर आज माता के दर्शन के लिए बाकी दिनों से कहीं अधिक भीड़ थी।