पंडरिया । स्वास्थ्य संयोजक संघ द्वारा विभन्न समस्याओं के निराकरण हेतु मंगलवार से काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया।इस संबंध में सोमवार को सीएमएचओ को ज्ञापन सौपा गया।ब्लाक के करीब 75 कर्मचारियों सहित जिले के 200 से अधिक स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों ने मंगलवार को काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
स्वास्थ्य संयोजक संघ के जिला अध्यक्ष गणेश जांगड़े ने बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के द्वारा कोविड के प्रारंभ काल से ही लेकर वर्तमान समय में भी लगातार अपनी संपूर्ण दायित्व (रूटिन टीकाकरण, 24X7 संस्थागत प्रसव टीवी, कुष्ठ, मलेरिया, एच.डब्ल्यू.सी. आनलाईन एंट्री व समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम) सहित लगातार बिना अवकाश के किया जा रहा है।साथ ही कोविड टीकाकरण करते आ रहे हैं। चूंकि सभी कर्मचारियों की अपनी व्यक्तिगत व परिवारिक जिम्मेदारी भी होती है। इन सभी दायित्वों के भी निर्वहन हेतु शासन के नियमानुसार रविवार अवकाश व अन्य शासकीय अवकाश की अनिवार्य आवश्यकता स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों को भी होती है।जिसके लिए स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने सीएमएचओ से की है तथा मंगलवार से काली पट्टी लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं।उन्होंने मांग करते हुए बताया कि
कोविड टीकाकर्मियों को रविवार व अन्य शासकीय अवकाश का अनिवार्य लाभ दिया जाने, कोविड टीकाकरण में कार्यरत स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों को कोविड टीकाकरण संबंधित शासन द्वारा प्रदत्त लंबित मानदेय की राशि प्रदान करने, प्रत्येक टीकाकरण सत्र में अनिवार्य रूप से दो टीकाकर्मी की ही ड्यूटी लगायी जाए। शासन के नियमानुसार आवश्यकता होने पर आउटसोर्स के कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए तथा कर्मचारियों की अनुपलब्धता होने पर उस स्थान पर सत्र नहीं रखने तथा किसी भी परिस्थिति में सत्र स्थल पर केवल एक अकेले टीकाकर्मी की ड्यूटी न लगाई जाए।प्रत्येक सत्र स्थल पर टीकाकरण हेतु शासन के नियमानुसार अनिवार्य सामाग्री उपलब्ध कराने की मांग रखी है ।
जिलाध्यक्ष जांगड़े ने बताया कि उपरोक्त समस्याओं के निराकरण के लिए संघ द्वारा बार-बार पत्राचार करने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके कारण स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों में असंतोष एवं मानसिक प्रताड़ित हो रहे हैं। जिसके चलते जब तक उच्च अधिकारियों द्वारा लिखित में समस्याओं के निराकरण हेतु आश्वासन प्राप्त नहीं होता तब तक जिले के समस्त स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी 16 नवम्बर से क्रमबद्ध आंदोलन के तहत विरोध प्रदर्शन के रूप में काली पट्टी लगाकर कार्य कर रहे हैं। इसके बाद भी भविष्य में समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर अवकाशों में कोविड टीकाकरण बहिष्कार हेतु बाध्य होंगे। जिसको समस्य जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।