पंडरिया। मौसमी बीमारियों और उनके खतरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मानसून के आगमन के साथ ही बुखार, सर्दी, खांसी, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। ब्लाक के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवाइयां और उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था की जा चुकी है।गंभीर मरीजों हेतु बेड भी आरक्षित किया जा रहा है। ताकि किसी भी स्थिति में मरीजों को तुरंत और सही इलाज मिल सके।
सभी स्वास्थ्य कर्मचारी और अन्य संबंधित कर्मचारी मुख्यालय में ही निवास में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्हें 24×7 सेवा देने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।इसके तहत सभी चिकित्सा अधिकारियों को अपने मोबाइल फोन चालू रखने और किसी भी समय संपर्क में रहने की सलाह दी गई है।स्वास्थ्य विभाग पंडरिया ने एक विशेष कोम्बैक्ट टीम का गठन किया है। इस टीम का कार्य क्षेत्र में किसी भी महामारी के संकेत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करना है। टीम को आवश्यक उपकरणों और संसाधनों से लैस किया गया है,जिससे वे त्वरित और प्रभावी तरीके से कार्य कर सकें।

कोम्बैक्ट टीम के सदस्य नियमित रूप से क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं और बीमारी के किसी भी लक्षण को तुरंत पहचानने और नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।पंडरिया में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), सीईओ जनपद, खंड चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग और अन्य प्रशासनिक अमला मिलकर एक सशक्त टीम बनाया गया है।

इस टीम को कोई भी सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। उनकी जिम्मेदारी सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी मामलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह टीम अन्य आवश्यकताओं और तात्कालिक सुविधाओं को भी मुहैया कराने में सक्षम है। टीम के सदस्य सभी ग्रामों का नियमित दौरा कर रहे हैं और स्थानीय समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
वनांचल में डोर टू डोर सर्वे *:
ब्लाक के दूरस्थ वन अंचल व संवेदनशील ग्रामों की एक विस्तृत सूची तैयार की गई है और वहां डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों के फैलने की संभावना को पहले से पहचानना और उनकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाना है। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं और आवश्यक दवाइयां वितरित कर रहे हैं। इसके साथ ही, लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।
*छात्रावास और आश्रमों में मलेरिया एवं अन्य जांच*:
– इस माह में वन और मैदानी क्षेत्र के सभी छात्रावासों में मलेरिया और अन्य बीमारियों के जांच के लिए विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों में बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा भी दी जा रही है ताकि वे बीमारियों से बचाव के उपाय जान सकें।
**स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन: – विभाग प्रमुख की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य अमला 2 माह पहले से ही ऐसे रोगों के लिए तैयार हो चुका है। प्रत्येक बुधवार, गुरुवार और सोमवार को विकासखंड पंडरिया के सभी गांवों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में जल स्रोतों का क्लोरीनेशन और स्वास्थ्य संबंधित जांच की जा रही है। *सर्पदंश के मामलों की तैयारी:
– मौसमी बीमारियों के साथ-साथ इन क्षेत्रों में सांप के काटने के प्रकरण भी अधिक होते हैं। इसके लिए एंटी स्नेक वेनम का पर्याप्त स्टॉक रखा गया है। ताकि सही समय पर इलाज हो सके और कोई भी जान का खतरा न हो।
*एम्बुलेंस सुविधा: विषम परिस्थिति के लिए एम्बुलेंस सुविधा दुरुस्त है।102, 108 और विधायक भावना बोहरा द्वारा प्रदत्त एम्बुलेंस सेवाएं भी सक्रिय हैं। ये एम्बुलेंस जल्द से जल्द उपचार मुहैया कराने और मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक लाने ले जाने के लिए तत्पर हैं। *जल स्रोतों का क्लोरीनेशन:
– गांवों में जल स्रोतों की पहचान कर उन्हें क्लोरीन से शुद्ध किया जा रहा है। जल जनित बीमारियों को रोकने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य विभाग ने विशेष टीमें गठित की हैं जो गांव-गांव जाकर जल स्रोतों का निरीक्षण कर रही हैं और उन्हें क्लोरीनेट कर रही हैं। इससे पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोग सुरक्षित पानी का उपयोग कर सकेंगे।
स्कूलों में जागरूकता रैली*:
– शिक्षा विभाग भी इस स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। विशेषकर इन मौसम में फैलने वाले रोग जैसे डायरिया, मलेरिया, डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों में टीम बनाकर बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा दी जा रही है। इसके साथ ही, बच्चों के माध्यम से नगर और ग्राम में पोस्टर और बैनर के माध्यम से रैली निकाली जा रही है ताकि रहवासी लोग जागरूक हो सकें।