कोंडागांव/बोरगांव । ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक के अनिश्चितकालीन हड़ताल चले जाने पर जिले के स्वास्थ्य सेवाओं पर खास असर दिखाई दे रहा है। कहीं उप स्वास्थ्य केंद्र बंद है तो कहीं राष्ट्रीय कार्यक्रमों की गति धीमी हो गई है।

जिसे देखते हुए जिले के मुख्य एवं स्वास्थ्य अधिकारी खुद मैदानी क्षेत्रों में दौरा कर बंद उप स्वास्थ्य केन्द्रों वह अनुपस्थित कर्मचारियों को नोटिस दिया जा रहा है।
बता दें कि यदि सरकार जल्द से जल्द ग्रामीण स्वास्थ्य सयोंजको की माँग पर विचार नहीं करती है तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ने वाला है। देखते है सरकार की कुम्भकर्णी नींद से जागकर स्वास्थ्य सयोंजको की मांगो पर विचार कर आमजन तक स्वास्थ्य सुविधाये उपलब्ध कराने में सफल होती है या नहीं?
सूत्रों से मिली ख़बर के अनुसार वार्ड बाय, ड्रेसर सहित अन्य नॉन टेक्निकल कर्मचारियों से कोविड जैसे महत्वपूर्ण टीकाकरण, व अन्य महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है व टीकाकरण अधिकारी स्वयं कर रहे हैं। जिसका आम जनता के स्वास्थ्य से साथ खिलवाड़ करने की बात कही जा रही है। जबकि इनका कार्य टीकाकरण से भिन्न है। यहा आम जनता के स्वास्थ्य खिलवाड़ है कभी भी अनहोनी घटना होने की सम्भावना जताई जा रही है
आम लोग व बच्चो के साथ हो सकते हैं गम्भीर परिणाम-
स्वास्थ्य संयोजको के हड़ताल पर जाने से घर प्रसव, रूटिंग टीकाकरण, हाल ही में शिशु संरक्षण माह चल रही है जो राष्ट्रीय कार्यक्रम है , 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए व आयरन सिरप पिलाई जाती है यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है जिससे बच्चों को बीमारियों से लड़ने का क्षमता विकसित करता है जिससे बहुत कुछ हद तक बच्चों का कुपोषित होने से रोकी जा सकती है। इसके साथ मलेरिया कार्यक्रम ,कुष्ठरोग कार्यक्रम, टीबी रोग कार्यक्रम, डेंगु कार्यक्रम, दस्त नियंत्रण कार्यक्रम, फायलेरिया कार्यक्रम, अंधत्व निवारण कार्यक्रम परिवार नियोजन जैसे 28 राष्ट्रीय कार्यक्रम व 14 योजनाये सीधे प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
क्या कहते हैं सीएमएचओ_
इस विषय में सीएमएचओ डॉ टी आर कुंवर से बात करने पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संयोजक हड़ताल में जाने से अभी तक कोई खास असर तो नहीं पड़ा, वैकल्पिक व्यवस्था के लिए सेकेंड एएनएम, सीएचओ है सभी काम कर रहे हैं। एक सब सेंटर में दो से तीन कर्मचारी हैं, रेगुलर वाले हड़ताल में गए हैं तो थोड़ा बहुत असर तो पड़ेगा ही लेकिन सेकंड कर्मचारी है संविदा वाले वो लोग काम कर रहे हैं। नॉन टेक्निकल कर्मचारियों से टीकाकरण वाली बातों को उन्होंने नकार दिया और कहा कि हड़ताल से दिक्कत तो थोड़ा बहुत हो ही रहा है लेकिन काम चल रहा है।