पाटन। जिले में स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर्स ,स्टॉफ नर्सेस एवं आरएचओ छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले पिछले 20 दिनों से हड़ताल में है। जिसके कारण मरीजो को दरबदर भटकना पड़ रहा है । इस समय जब दुर्ग जिले के नगरीय क्षेत्रों में जहाँ डेंगू,डायरिया पैर पसार चुका है तो वही वायरल फीवर की चपेट में आने से ग्रामीणों का भी हाल बेहाल है लेकिन इन सबसे निपटने वाला स्वास्थ्य अमला
अपनी 5 सूत्रीय जायज मांगों को लेकर राजधानी रायपुर के तूता धरनास्थल में आवाज बुलंद कर रहे है जिसमे वेतन विसंगति दूर करने ,कोरोना भत्ता की मांग,कार्य स्थल पर सुरक्षा आदि को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल में हैं।आज हड़ताली अधिकारी कर्मचारियों द्वारा जल सत्याग्रह कर प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी की गई । विदित हो कि दुर्ग जिलाप्रशासन द्वारा हड़तालियों पर सख्ती बरतते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 207 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है वही राज्य स्तर पर 5000 से ज्यादा कर्मचारी बर्खास्त एवं निलंबित हैं इसके बावजूद अभी तक किसी कर्मचारी ने जोइनिंग नही दिया है और करीब 30 स्टॉफ नर्से एवं डॉक्टरर्स फिर से हड़ताल में शामिल हो गए उनका कहना है कि हमारे मांग एवं साथियों पर जो कार्यवाही हुई है जब तक वह शून्य नही हो जाता वे हड़ताल में डटे रहेंगे । पिछले दिनों हड़तालियों की स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा बेनतीजा रहा है ।लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि जिले में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है लेकिन कर्मचारियों को सस्पेंड कर देने से आने वाले समय मे स्थिति और भयावह हो सकता है क्योंकि यही कर्मचारी एवं अधिकारी महामारी नियंत्रण से लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमो के क्रियान्वयन में विभाग की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं।
मिशन इंद्रधनुष एवं शिशु संरक्षण माह जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम पूरी तरह फेल
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इनको क्रियान्वित करने वाले कर्मचारी हड़ताल में है जिसके कारण नियमित एवं विशेष टीकाकरण सत्र पूरी तरह ठप्प है जिससे शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में मरीज लगा रहे चक्कर
ग्रामीण इलाकों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टेड संविदा कर्मचारी हड़ताल में नही है लेकिन उनकी ड्यूटी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था बनाने के लिए लगाया गया है जिसके कारण उप स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज बीपी शुगर वायरल फीवर एवं सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए भटक रहे हैं।