शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में उपयोगी साबित होगी हर्बल गार्डन, शरीर में होने वाले खून की कमी को दूर करने के साथ साथ शरीर बना रहेगा स्वास्थ्य

आशीष दास

कोंडागांव । आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तथा आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के सौजन्य में फरसगांव विकास खंड में तीन वर्ष की अवधि का जीवन गुणवत्ता के सुधार हेतु आयुष स्वास्थ्य देखभाल पहल तथा एनीमिया रोकथाम कार्यक्रम G6PDD प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा है ।G6PDD PROJECT का मुख्यालय शासकीय आयुर्वेद औषधालय बोरगांव को बनाया गया है।

G6PDD डीहाड्रोजिनेस डिफिशिएंसी क्या है

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेश विश्वकर्मा ने बताया कीजी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) लाल रक्त कोशिकाओं से संबंधित एक समस्या है। जी6पीडी खून में पाया जाने वाला एक एंजाइम है जो रेड ब्लड सेल्स पर बनने वाले ऑक्सीकारक दबाव को कम करता है। लेकिन इसकी कमी होने पर रेड ब्लड सेल्स तनाव के संपर्क में आते ही टूट जाते हैं। बड़ों के साथ-साथ यह डिफिसिएंसी बच्चों में जेनेटिकल कारणों से भी होता है।

फरसगांव विकास खंड में बनेंगे 5 स्कूलों में हर्बल गार्डन

प्रोजेक्ट अंतर्गत शाउमावि बोरगांव, लंजोड़ा, बड़े डोंगर, आलोर तथा प्रोजेक्ट मुख्यालय शासकीय आयुर्वेद औषधालय बोरगांव में हर्बल गार्डन बनाया जाना है। इसी के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आलोर में जी6पीडीडी प्रोजेक्ट मिनिस्ट्री आयुष मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा संचालित “हर्बल गार्डन” का शुभारंभ किया गया, जिसमें विशेष प्रकार के औषधीय पेड़ व पौधों को इस हर्बल गार्डन में रोपित किया गया, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में उपयोगी साबित होगी।  जिसके उपयोग से हमारे शरीर में होने वाले खून की कमी को दूर करने के साथ साथ हमारा शरीर स्वास्थ्य बना रहेगा।इन औषधीय पौधों के बारे में आयुर्वेदिक चिकित्सक अधिकारी सुश्री डॉक्टर चंचल नाग के द्वारा बच्चों व पालको को जानकारी उपलब्ध करवाया गया कि किस तरह से इन औषधीय पौधों का उपयोग करके हमारे शरीर में खून की कमी को दूर किया जा सकता है इस जागरूकता अभियान में इनकी सहयोगी के रुप में जोगेश्वरी सेन, स्वास्थ्य प्रभारी सुनिता मरकाम का भी विशेष सहयोग रहा। विद्यालय के संस्था प्रमुख ललित राम सिन्हा ने बताया कि विद्यालय में हर्बल गार्डन बनने से संस्था के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को औषधीय पौधों की जानकारी आसानी से मिलेगी। औषधीय पौधों जैसे मीठा नीम, पत्थरचट्टा, आंवला, तुलसी आदि से विभिन्न बीमारियों का घरेलू उपचार सीख सकेंगे। सभी को इन औषधि पौधों का सेवन करना चाहिए जिससे हमारा शरीर स्वास्थ्य बना रहे और विशेष रूप से शरीर में होने वाले खून की कमी को दूर कर सके।इस दौरान विद्यालय के समस्त कर्मचारी ने भी अपनी विशिष्ट भूमिका निभाते हुए अपना विशेष सहयोग प्रदान किया।