मंत्री साहू ने आगे कहा कि बहुत से युवा साथी नौकरी या सेटल होने के चक्कर में समय पर विवाह नहीं कर पाते। वर्तमान दौर में सरकारी नौकरी सभी को मिल पाना संभव नहीं है। सरकारी नौकरी के चक्कर में विवाह को टालना अपने पारिवारिक जिम्मेदारी को नजरअंदाज करने जैसा है। उन्होंने कहा कि जीवन-यापन के बहुत विकल्प है। समाज के युवाओं को व्यापार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अपना कदम बढ़ाना होगा। व्यापार और स्वरोजगार के साथ निजी क्षेत्र में नौकरी करके एक सुखद पारिवारिक जिम्मेदारी का निर्वहन आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज उत्थान में वे और उनके साथी वर्षों से जुड़े हुए हैं। समाज को आगे बढ़ाने में सभी की सहभागिता जरूरी है। मंत्री श्री साहू ने कहा कि गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा सहित रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के साथ जरूरतमंद बच्चों को आत्मनिर्भर बनाकर स्थापित करने की जरूरत है। उन्होंने ऐसे लोगों की सहायता के लिए कर्मा कोठी की स्थापना करने और सबकों इसमें सहयोग करने की अपील की। मंत्री श्री साहू ने कर्मा कोठी के लिए अपनी ओर से एक लाख रूपए की राशि देने की घोषणा भी की।

सम्मेलन में मंत्री साहू ने समाज में अपनी पहचान स्थापित करने वाले लोगों और व्यापार से जुड़कर आत्मनिर्भर की राह में आगे बढ़ने वालों को सम्मानित किया और स्टॉल का अवलोकन भी किया। इस दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू, छग दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष विपिन साहू, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, समाज के मोतीलाल साहू, याद राम साहू, मेघराज साहू सहित बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।