हनोदा में हुआ गृहे गृहे गायत्री यज्ञ, विश्व शांति के लिए साधको ने डाली आहुति, 26 घरों में गूंजा गायत्री मंत्र

हनोदा-दुर्ग।अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में आयोजित गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ का आयोजन 5 से 7 मई तक किया जा रहा।इसी कड़ी में सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का संकल्प के साथ पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण,वातावरण का परिशोधन,समर्थ राष्ट्र निर्माण, वैचारिक उत्कृष्टता,समाज में छाई हुई विकृतियों को नष्ट तथा सत्प्रवृतत्तियों के संवर्धन के लिये आध्यात्मिक प्रयोग सामूहिक स्तर पर पूरे विश्व में किया जा रहा है।


जिसके तहत ग्राम हनोदा में 26 घरों में गृहे गृहे गायत्री यज्ञ किया गया।जिसमे साधको द्वारा आयुर्वेदिक औषधियुक्त हवन सामाग्री के साथ गायत्री, महामृत्यंजय,नवग्रह शांति,दुर्गा शक्ति एवं सूर्य(आदित्य) मंत्रों के उच्चारण कर यज्ञ में आहूती अर्पित की गई।
गृहे गृहे यज्ञ कार्यक्रम प्रभारी श्री राजीव साहू में बताया कि पूर्व में ही सभी को कार्य सौप दिए गए थे जिसमें कुछ कार्यकर्ताओ ने निरंतर पूरे एक हफ़्तों तक घरों में जाकर संपर्क किया,तो कुछ ने घरों के लिए यज्ञ सामग्री की व्यवस्था की इसके साथ ही नए यज्ञाआचार्यो को दो से तीन दिनों तक प्रशिक्षण भी दिया गया।
गायत्री परिवार के युवा टीम के प्रमुख श्री भेषराम पटेल ने कहा जब सामूहिक रूप से हम सभी अपने-अपने घरों में यज्ञ करेंगे तो हमारे घरों से खतरनाक कीटाणु, बैक्टेरिया समाप्त हो जाएंगे व हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाएगी।हमें रक्षाकवच प्राप्त होगा जो हमे सहायक होगा व पर्यावरण भी किटाणु विहीन हो जाएगा।
यज्ञाचार्य डॉ.सी.एल.साहू,राजकुमार साहू,मन्नू पटेल,गोवर्धन साहू,शैलेश शर्मा,देवी प्रसाद साहू,भेषराम पटेल,राजू साहू,यामिनी चंद्रकार,गीतांजली साहू,पूजा साहू,योगिता साहू,तुकेश्वर साहू ने यज्ञ कराए वही यवेन्द्र,राहुल,उमेश्वरी,जागृति,चंचल,मोनिका,हनी,धनराज,निधि,एकता,तुलिका,मुकेश ने यज्ञ में सहयोग किया।ग्राम हनोदा के अभय राम साहू,कामता साहू,परमानंद चंद्रकार,पुनाराम साहू,नूतन साहू,संतोष यादव,शंकर पटेल,महानंद यादव,श्रीमती सीमा यादव,रमेश पटेल,प्रकाश पटेल,निहाल साहू,सावन टंडन,किशन साहू,श्रीमती सावित्री चंद्रकार,छबील मंडावी,तिलक साहू,रामानंद पटेल,गंगाराम चंद्रकार, गोपाल साहू,देवनारायण साहू,राकेश साहू,श्रीमती सती चंद्रकार,विश्वनाथ चंद्रकार,श्रीमती मंजू साहू,श्रीमती किरण गायकवाड़ के घर किया गया गृहे गृहे यज्ञ।