खौफनाक वारदात:पत्नी के चरित्र पर था शक, हैवान पति ने ढाई साल के मासूम बच्ची की कर दी हत्या



जशपुर।जशपुर जिले में एक पिता ने अपने ढाई साल की मासूम बेटी की हत्या कर दी। बेटी की हत्या से पहले उसने अपनी पत्नी पर भी हमला किया। मामले में पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।

जशपुर।दोकड़ा चौकी क्षेत्र के ढोढ़ीबहार गांव में एक दर्दनाक और मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। चरित्र पर शक के चलते एक व्यक्ति ने पहले अपनी पत्नी पर हमला करने की कोशिश की और फिर अपनी ही ढाई साल की मासूम बेटी की नृशंस हत्या कर दी। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के अनुसार, ढोढ़ीबहार निवासी विमल मिंज गांव के पास स्थित कोसाबाड़ी में चौकीदार का काम करता है। काम से करने के बाद दोपहर करीब दो बजे घर लौटा। पत्नी ने खाना परोसा, लेकिन उसने खाना खाने से मना कर दिया। विमल मिंज ने गुस्से में कहा, ‘मुझे नहीं खाना, तुम लोगों को खाना है तो खाओ।’ इसके बाद वह बरामदे में जाकर बैठ गया।

मासूम बेटी की गर्दन पर किया हमला
उस समय घर के भीतर पत्नी लिपाई का काम कर रही थी और उनकी ढाई साल की बेटी घर के बरामदे में खेल रही थी। अचानक शाम चार बजे विमल मिंज ने घर के भीतर से एक दौली (धारदार कृषि औजार) उठाकर पत्नी पर हमला करने की कोशिश की। जान बचाने के लिए पत्नी आंगन की ओर भागी, तभी आरोपी ने मासूम बेटी के गर्दन पर वार कर दिया।
बच्ची पर किए गए वार से वह लहूलुहान हो गई। आरोपी ने उसे उठाकर आंगन में फेंका और मौके से भाग गया। शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और गंभीर हालत में बच्ची को कुनकुरी के हॉलीक्रॉस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की सूचना मिलने पर दोकड़ा चौकी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया। एसएसपी शशि मोहन सिंह के निर्देश पर गठित टीम ने कुछ घंटों में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने में चौकी प्रभारी अशोक यादव, एएसआई नीता कुर्रे, प्रधान आरक्षक संजय, आरक्षक कुलकांत और इग्नासियुस की अहम भूमिका रही।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है। साथ ही पुलिस एवं प्रशासन ने सभी से अपील की है कि यदि किसी घर में विवाद, तनाव या मानसिक अवसाद के लक्षण नजर आएं, तो समय रहते मदद लें और संबंधित विभागों से संपर्क करें।