बलराम यादव
पाटन। शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते माध्यमिक शाला जामगांव एम में छात्र – छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है। करीब एक माह से शिक्षक नही होने से स्कूली छात्रों के लिए जटिल समस्या बनी हुई है ।
इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा विभाग की इस अनदेखी से बच्चो की पढ़ाई के साथ आने वाले भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आलम यह है की वर्तमान में अभी स्कूली छात्र छात्राओं का तिमाही पेपर हो रहा है , जिसे किसी संकुल समन्वयक के हाथों पुस्तिका भेजी जा रही है। बच्चे खुद से ही प्रश्न पत्र को बातकर परीक्षा दे रहे है ।
शिक्षा विभाग के लापरवाही के बाद जब स्कूली छात्रों का सब्र आज टूट गया तब आज ग्राम पंचायत कार्यालय में सरपँच के पास पहुँचे जहाँ पर शिक्षकों की कमी से आगे के अध्ययन को हो रही समस्या से अवगत कराया ।
ग्राम पंचायत जामगांव एम के सरपँच राकेश चंद्राकर ने कहा कि पाटन विधानसभा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गृह विधानसभा है । जहाँ पर शिक्षा विभाग की लापरवाही समझ से परे है , एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वामी आत्मानद इंग्लिश मीडियम स्कूल में उच्च कोटि के स्तर के शिक्षकों के माध्यम से छात्राओं को उच्च स्तर की शिक्षा दे रही है लेकिन ठीक हिंदी मीडियम स्कूल के बच्चो के साथ उनका ध्यान आकर्षण नही हो रहा है । इसी वजह से आज एक माह होने पर भी जामगांव एम स्कूल में शिक्षकों के नही होने की वजह से माध्यमिक शाला जामगांव एम का स्कूल के बच्चो का भविष्य अंधकार में है ।
सरपँच श्री चंद्राकर ने कहा कि शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते आज एक माह बाद भी बिना शिक्षक के कक्षाएं संचालित हो रही है । बीच बीच मे नोडल अधिकारी के पद पर पदस्थ शिक्षक बीच बीच मे ही कक्षाओं में आकर देख कर चले जाते है। लेकिन शिक्षकों की भर्ती अभी तक नही की गई है । शिक्षा विभाग द्वारा किसी प्रकार की सुध अभी तक नही ली गई है ।
वर्तमान में अभी बच्चो का परीक्षा चल रहा है जिसे संकुल समन्यवयक के हाथों में जिमेदारी है जो प्रश्न पत्र छोड़ चले जाते है । बाद में छात्रों के द्वारा खुद बाटकर परीक्षा दे रहे है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी ये कहते है — विकासखंड शिक्षा अधिकारी टी आर जगदल्ले का कहना है कि जामगांव एम मीडिल स्कूल में 4 शिक्षक थे , 2 शिक्षकों को अटैच करने के बाद वापस किया गया था । वर्तमान में अभी दो शिक्षक है ।
मीडिल स्कूल जो है प्रिंसिपल के द्वारा ही संचालित की जा रही है । वेतन से लेकर सभी तरह का कार्यो को प्रिसिपल ही देख रहे है । सेजस में कही पर भी शिक्षकों की कमी नही है ।