फुंडा में अवैध प्लाटिंग का खेल, प्रशासन मौनराजस्व नियमों की खुल्लमखुल्ला अवहेलना, रसूखदारों को राजनीतिक संरक्षण का संदेह

बलराम यादव
पाटन। ग्राम पंचायत फुंडा में इन दिनों खेती योग्य भूमि को समतल कर बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। लगभग दो एकड़ कृषि भूमि को आकर्षक वादों के साथ बेचा जा रहा है। राजस्व और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, और प्रशासन की निष्क्रियता ने इस अवैध कार्य को और बढ़ावा दे दिया है।

सूत्रों के अनुसार, संबंधित भूमि को जेसीबी मशीनों से समतल किया जा चुका है, और अब उसे छोटे भूखंडों में बांटने की प्रक्रिया बाकी है। स्थानीय सूत्र का कहना है कि यह सबकुछ प्रशासन की नज़रों के सामने हो रहा है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राजस्व विभाग के अधिकारी और प्रशासन के अन्य जिम्मेदार पदाधिकारी प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरते हैं, फिर भी इस गतिविधि को नजरअंदाज किया जा रहा है।

क्या इन रसूखदारों को राजनीतिक या सरकारी संरक्षण प्राप्त है। जिस बेखौफ अंदाज में यह अवैध प्लाटिंग की जा रही है, उससे यही संकेत मिलता है।

प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
इस अवैध गतिविधि पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही इस बात की भी जांच हो कि कहीं इन गतिविधियों के पीछे किसी प्रभावशाली व्यक्ति का संरक्षण तो नहीं है।

जब तक प्रशासन इस दिशा में गंभीर कदम नहीं उठाता, तब तक अवैध प्लाटिंग का यह सिलसिला थमने की उम्मीद कम ही नजर आती है।