जन नेता मधुसूदन यादव की जगह कोमल, रमेश या दिनेश बन सकते है भाजपा जिलाध्यक्ष का विकल्प

✍️ *दीपांकर खोबरागड़े*

राजनांदगांव//जस जस विधानसभा चुनाव की दूरी घटते जा रही है तस तस भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन में फेरबदल करते जा रही है चाहे प्रदेश अध्यक्ष बदलने का निर्णय हो चाहे छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी को बदलने का निर्णय हो चाहे जिला अध्यक्ष बदलने की कवायद क्यों ना हो निश्चित रूप से पिछले चुनाव को जिस तरह से लड़कर आशय पर पहुंची भाजपा के सामने आने वाला विधानसभा चुनाव निश्चित रूप से एक चुनौती बन कर मजबूत दीवार की भांति खड़ा है । भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ प्रदेश की कांग्रेस पार्टी है जो सत्ता के रूप में अपना मजबूत जाल बुनने में सफल रही यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में आज 71 विधायको का जंब्बो काफिला है। वही भारतीय जनता पार्टी के पास 15 वर्षों के शासन काल के पश्चात महज 14 विधायक यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा चुनाव में अपनी हारी हुई बाजी को पलटने संगठनों में आमूलचूल परिवर्तन में लगी हुई है प्रदेश अध्यक्ष बदलते ही भाजपा ने संगठन के कार्यकारिणी की सूची जारी की वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश की प्रभारी रही पुरंदेश्वरी देवी को रवाना कर नए प्रभारी की नियुक्ति की है।अब राजनांदगांव के जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने के पश्चात राजनीति के धुरंधरों के बीच चर्चा सर गर्म है कि राजनांदगांव भाजपा जिला अध्यक्ष की घोषणा जल्द हो सकती है। जिसमें प्रमुख रुप से कोमल सिंह राजपूत, रमेश पटेल, दिनेश गांधी के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं राजनांदगांव भाजपा का नेतृत्व मधुसूदन यादव के इर्द-गिर्द ही रहा और भाजपा में सर्वमान्य नेता के रूप में अपनी छाप बनाकर रखी जिसका लोहा राजनांदगांव के विधायक 15 वर्षो के मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह भी मानते हैं चाहे अभिषेक सिंह को संसदीय दीर्घा में पहुंचाने तक का सफर क्यों ना हो हर परिस्थितियों में भाजपा जिला अध्यक्ष रहते हुए मधुसूदन ने अपनी जनप्रिय छवि कायम की है। देखना यह है कि अब ,जब भाजपा राजनांदगांव के नए जिले अध्यक्ष की ताजपोशी करेगा वह मधुसूदन के मुकाबले कितना लोकप्रिय कितना मजबूत और आने वाले विधानसभा में कितना कारगर साबित होगा।