सिरसिदा में जमीन या आसमान में नहीं तालाब में तैरते हुए रावण का होता हैं दहन,12 अक्टूबर को  आदर्श राम लीला मंडली सिरसिदा में तालाब के बीचो बीच 40 फीट रावण दहन

अंडा ।राक्षासो के जमीन अथवा आसमान में नहीं मरने जैसे चतुराई वाले वरदानो के किस्से तो जरूर सुने होंगे पर अपने यहाँ सिरसिदा में इसे देखा भी जा सकता हैं अंडा से 7 किलोमीटर सिरसिदा में दशहरा पर जमीन अथवा आसमान में नही बल्कि तालाब के बीचोबीच तैरते हुए रावण का दहन किया जाता हैं रावण दहन के दौरान तलाब के बीच आकर्षक अतिशबाजी भी होती है तब गाँव के कुछ लोगो का अलग करने का जूनून और अब तालाब के बीच रावण दहन कि परम्परा आगे बढ़ रही है।

27 सालो से जल रहा 40 फीट का पुतला
सिरसिदा के समिति के सदस्यगण खेमन ,अक्षय, प्रहलाद, लवण , रामगोपाल, चंद्र प्रकाश, ढालसिंह , टोमेन्द्र ,डोगेन्द्र ,बालगोविंद ,तोरण गिरधर, प्रेमलाल, धर्मराज, खिल्लु ,गुलाब, कोमेंद्र, रितेश ,जितेश्वर, तानुपटेल, धन्ना ,गौरव, यशवंत ,चंदन ,आशीष ,तुलेश्वर, रामकृष्ण ,मिलन, दीपक, खिलेद्र ,छन्नु ,किशन, भगत बिष्णु ,ओंकार ,निर्घत ,राजा, खोमलाल, ईशु ,राज ,बिरेद्र
ने बताया कि कुछ अलग करने के जूनून में वर्ष 1994 में पहली बार तालाब के बीच रावण का पुतला खड़ा कर जलाया गया  बताया कि शुरुआत के कुछ सालो को छोड़ कर हर बार 35 से 40 फिट का पुतला जलाया जा रहा हैं। ऐसे हुई शुरुआत प्रेमलाल चंद्राकर , पूर्व सरपंच खेमन चन्द्राकर, बाल गोविंद साहू,तुलेश्वर पटेल ,और स्वास्थ्य कर्मचारी जी.आर .शर्मा ने साइकिल के ट्यूब पर पानी के भीतर वजन लटका कर 10 फिट के खंभे को बैलेंस करने का जुगाड़ किया था फिर ट्रैक्टर के ट्यूब के सहारे रावण का पुतला खड़ा किया।

रावण दहन के पहले तालाब किनारे रामलीला का मंचन होता है इसके लिए 12 पिलर पर मंच तैयार किया जाता है मंजिल से भगवान राम की भूमिका निभा रहे पात्र बारूद के राकेट से रावण के पुतले की नमी को भेदते हैं नमी पेट्रोल  भरा होता हैं।
मशाला से जलाया प्रेमलाल ठाकुर ने बताया कि 27 साल में दो बार विपरीत मौसम वह बारिश के कारण रावण का पुतला बारूद के राइट के सहारे जलाया जा सका वर्ष 2002 व 2014 में ऐसी स्थिति बनी तो तालाब में उतार कर मसालों के सहारे पुतला दहन किया गया तलाब में पुतला खड़ा करने में कभी भी परेशानी नहीं हुई है । चन्द्र प्रकाश साहू ने बताया कि 12 अक्टूबर को  आदर्श राम लीला मंडली सिरसिदा के तालाब के बीचो बीच 40 फीट रावण दहन। दशहरा के दिन रात्रि में राम लीला रावण दहन के पश्चात 10 बजे रात्रि में नाचा पार्टी कवर्धा कबीरधाम वाले का कार्यक्रम रखा गया हैं।