पाठकों की पाती में गॉडलीवुड स्टूडियो की छायाचित्रकार काजल वर्मा ने कुछ इस अंदाज में पेश की अपनी स्वरचित कविता, आप भी पढ़िए

सादगी पसंद है उनको, कि मुझे बदलना उनका स्वभाव हो गया।

उनका हँसता हुआ चेहरा, मेरे दर्द का सहारा हो गया।

वो अपना दर्द छुपाये रखता है, मेरे कहानी का हिस्सा हो गया।

उनका गुस्सा इतना गहरा रहा कि, मेरी सच्चाई से अवगत करा गया।

नाराजगी इनती है उनकी, कि मेरा उन्हे मनाना फर्ज हो गया।

प्यार से भी प्यारा लगने लगा है मुझे, आज उनका मेरे हृदय पर राज हो गया।

अपनी परेशानियों से घिरा हुआ, मुझे लेकर हमेशा उलझन मे रह गया।

अपने प्रेम को नजर से बयाँ कर, मेरे प्रेम को समझे इतना समझदार हो गया।

झुट इतने प्यार से कहे की, मेरा न मानना ही उनको उलझन मे ले गया।

वर्तमान की खुशी को त्यागकर, भविष्य के दर्द से अवगत कराना उनका फर्ज हो गया।

उनके भावनाओ के समन्दर मे बह जाऊ, उससे पहले मुझसे किनारा हो गया।

वो पसंद था मेरा की आज उसकी बुराइयाँ मै अपनाउ इतना प्रेम कर गयी।

अब समझ रही हु खुद की काबिलियत की पसंद पर भी शंका हो रही।

इतना ही समझ सकी की, मेरी कविता मे आज उनका वर्णन हो गया।

जन्मदिन मुबारक हो…