एनिकेट के काम के नाम पर खानापूर्ति किया, ठेकेदार ने निकाल लिए लाखों, बीजापुर जल आवर्धन योजना में एनिकेट न बन पाने से जल बिन मछली जैसे हालत हैं वार्डो के

बीजापुर — बीजापुर जल आवर्धन योजना के नाम पर जहां पीएचई विभाग ने अपना कार्य पूर्णता की ओर बताया है । वही जल संसाधन विभाग के कारनामे कार्यस्थल पर दिखते हैं जन संसाधन विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्य एनीकैंट जिसे ठेकेदार के द्वारा खानापूर्ति कर लाखों रुपए निकाल लिए हैं । मिली जानकारी के अनुसार 88.75 लाख रुपए कुछ कार्य के निकाल लिए हैं यह कार्य विंध्याचल बेरुदी नदी पर चल रही है । इस निर्माण कार्य के दौरान 11/4/ 2021 की दोपहर को पांच वाहनों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया था । परंतु उस दिन के बाद ठेकेदार ने पूर्णता काम बंद कर दिया । देखने वाली बात यह है कि जहां एनीकैंट बन रहा था । वही पीएचई विभाग ने पानी सप्लाई के लिए इंटेकवाला बनाया जो पूर्ण बन चुका है । वही जल संसाधन विभाग के ठेकेदार रूपेश कुमार झा के द्वारा आधा अधूरा काम कर लाखों रुपए निकाल 1 साल से काम बंद कर रखा है । जाँच का विषय भी है ।

*तकनीक जानकारी के अनुसार*—-बाक्स— बीजापुर जल आवर्धन योजना के अंतर्गत जल संसाधन विभाग के द्वारा जो एनीकैंट विंध्याचल बेरुदी नदी पर बना रहा था । लगभग 3 करोड रुपए के लागत की थी निर्माण के द्वारा 3 मीटर हाइट 100 मीटर लंबाई बेड से नदी में नीचे लगभग 7 फीट वाटरवाल बनना था । कार्यस्थल को देखने के बाद ऐसा लगता है कि ठेकेदार के द्वारा तकनीकी रूप से कार्य को नहीं किया गया है । यह जांच का विषय है बगैर काम करें कैसे 88.75 लाख रुपये ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया । वही कार्यस्थल पर दूसरी तरफ पीएचई विभाग ने लाखो रूपये के इंटेकवाला का कार्य पूर्ण है वही एनीकैंट की कार्य की जांच होनी चाहिए ।

बाक्स— बाइट— जल संसाधन विभाग के ई ई मनोहरलाल टंडन ने बताया कि दो बार टेंडर की प्रक्रिया हुई है एनीकैंट को लेकर परंतु काम नहीं बना तो आगे फिर टेंडर की प्रक्रिया चालू है बारिश के बाद काम शुरू होगा कार्यस्थल पर नीचे फाउंडेशन वॉल काम हुआ है। 12 अप्रेल 2021को नक्सली घटना के बाद से काम बंद है । कार्य की जांच करना उचित है ।