बालोद । जिले की बिहान समूह से जुड़ी 1 हजार से अधिक महिलाओ ने आज सोमवार को अपनी पांच सूत्रीय मांगो को लेकर कलेक्टोरेट का घेराव किया। जिला मुख्यालय बालोद के नया बस स्टैंड धरना स्थल से 4किमी दूर पैदल रैली निकालकर ग्राम सिवनी स्तिथ कलेक्टोरेट पहुचे।जहां 41 डिग्री तापमान के बीच कलेक्टोरेट के बाहर कलेक्टर से मिलने की मांग को लेकर 2 घँटे तक जमकर प्रदर्शन किया और अपनों मांगो को पूरा करने नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रही महिलाएं कलेक्टर से मिलने की मांग और उन्हें ही ज्ञापन सौपने की जिद पर अड़ी रही। क्रेडर संघ की अध्यक्ष डॉली साहू ने कहा कि कलेक्टर के आने की सूचना पर हम जब सुबह 7 बजे से गौठान में बैठकर उनका इंतज़ार करते है, तो वो हमसे मिलने क्यो नही आ सकते..? अपर कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर द्वारा समझाईश के बाद भी वे नही मानी। कलेक्टर से मिलकर उन्हें ही ज्ञापन देने की जिद पर अड़ी रही। अंततः जब कलेक्टर बैठक से फ्री हुए तब बिहान समूह की 5 महिलाओं से उनसे मुलाकात की और मांगो को जल्द पूरा करने की बात कही। कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने उनकी मांगों को शासन को भेजने की बात कही। आपको बता दे कि बिहान समूह की महिलाएं अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 20 दिनो से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। और मांगे पूरी होने तक हड़ताल पर रहने की बात महिलाओं ने कही है।

राशि कम मिलने से हो रहा आर्थिक नुकसान-
बिहान समूह से जुड़ी महिलाओं की मांग है मानदेय में वृद्धि, उन्हें नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने, प्रतिमाह मानदेय देने, नियमितीकरण एवं निवास से कार्य स्थल आने जाने यात्रा भत्ता दिया जाए। महिलाओं ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान योजना अंतर्गत कई महिलाएं बैंक मित्र, पशु सखी, कृषि सखी के रूप में ग्रामीण अंचल में काम कर रही है। वर्तमान ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर काम को इन्ही महिलाओं द्वारा किया जाता है। लेकिन, इस काम के एवज में कम राशि मिल रही है। राशि कम मिलने के कारण आर्थिक नुकसान होता है। महिलाओं ने वेतन के संबंध में मांग किया है कि एफएलसीआरपी का वेतन 5 से 10 हजार रुपए, आरबीके का वेतन 2200 से 8 हजार रुपए, बैंक मित्र का वेतन 2500 से 8 हजार रुपए, सक्रिय महिला का वेतन 1500 से 5 हजार रुपए, कृषि व पशु सखी का वेतन 1500 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए।
काम ज्यादा लेकिन वेतन कम, इससे जीवन-यापन करना हो रहा मूुश्किल-
जिले के ग्रामीण अंचल में बिहान योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनके साथ ही क्लस्टर अंतर्गत समूह निर्माण, समूह का बैठक करना, पुस्तक संधारण करना, पुस्तक संसाधन का प्रशिक्षण करवाना, ग्राम संगठन और समूह का ऑडिट करना, एमसीपी फॉर्म भरना, आरएफ फॉर्म भरना, ग्राम संगठन के सभी कार्य में सक्रिय भागीदारी भी निभा रहीं है। आजीविका गतिविधि व पंचायत में सर्वे का कार्य भी इन्ही के विभिन्न कैडर द्वारा किया जाता है। लेकिन, काम ज्यादा होने के बाद भी मानदेय बढ़ाने अभी तक किसी ने विचार नहीं किया है। नतीजा मजबूरन इन लोगों ने ज्ञापन देकर मांग जल्द से जल्द पूरी करने की अपील किया है।