दीपांकर खोबरागढ़े
राजनांदगांव//माता की नगरी के नाम से सिद्ध और सात समुंदर पार भी लोगों के बीच अपनी अनूठी पहचान रखने वाली डोंगरगढ़ की धरा यूं तो कई दुखियारो का दुख तो हर लेती है पर विडंबना तो तब जब उसी धार्मिक नगरी डोंगरगढ़ मे अमावीय सूदखोरों से परेशान युवा अपनी जीवन की लीला ही सूदखोर दबंगों के प्रताड़ना से तंग आकर समाप्त कर ली हो। स्थानीय डोंगरगढ़ से लगें करवारी क्षेत्र में रहने वाले विजय नेताम के परिजनों की माने तो आज भी पीढ़ी दर पीढ़ी कर्ज चुकाने और कर्ज की रकम लौटाने के बाद भी मानसिक प्रताड़ना देने का मामला प्रकाश में आया है। आश्चर्य तो तब जब प्रदेश में कानून व्यवस्था होते हुए भी जमीदारी प्रथा और दबंग गुंडाई की तरह सूदखोरों का चक्रव्यूह बेखौफ होकर इस कदर नेताम के परिवार पर घूमता है कि उसके पिता का कर्ज का भी बोझ अपने सज्जनता और ईमानदारी, लोक लाज के डर से कर्ज की अदायगी भी सूदखोर के बातो के बूते ही लगातार देने की बात सामने आ रही है। परिजनों से मुलाकात के पश्चात यह बात सामने आ रही है कि डोंगरगढ़ का रहने वाला विजय नेताम जो छिंदवाड़ा रेलवे में नौकरी करता था और अपनी ट्रेनिग की पढ़ाई करने घर आया हुआ था उसे इतना प्रताड़ित किया गया कि उसने आत्महत्या का रास्ता चुनने में देर न की और अपने माता ,भाई ,बहन पत्नी का भरा पूरा परिवार छोड़ कर अपनी ईह लीला समाप्त कर ली । परिजनों ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें और उनके बेटे को डोंगरगढ़ के दबंग और राजनीतिक रसूखदार हत्थेल भाईयो और एक महिला श्रीमती सोनम साहू, अरविंद, गब्बर और तरुण हत्थेल का नाम सामने आया है जिनके द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है। जिसके चलते ही विजय नेताम ने फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी ।

मामले की गंभीरता के हिसाब से पुलिस जांच कहीं न कहीं हिचकोले खा रही है आदिवासी युवक के आत्महत्या के मामले को पुलिस आखिर सूक्ष्मता और गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है यह एक गंभीर सवाल सामने खड़ा है जिसकी जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता की आवश्यकता और उच्च अधिकारियों के प्रतिपरीक्षण की नितांत आवश्यकता कहीं न कहीं इस मामले में नजर आ रही है । मृतक के परिजनों को ईमानदारी से न्याय मिले यह सबसे बड़ी चुनौती पुलिस के सामने जरूर दिखाई दे रही है।बहर हाल देखना यह है कि पुलिस इस मामले की किस तरह जांच करती है और इसमें किन-किन चीजों को सामने लाती है यह देखने वाला विषय है।

??कर्ज पिता का अदायगी बेटे की
विजय नेताम के परिवार के लोगों ने यह बात तो बताई की विजय के पिता ने पूर्व में हत्थेल परिवार से कर्ज लिया था से समय-समय पर लगातार चुकाए भी जाता रहा पर ब्याज का चक्रव्यू और मूलधन की राशि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी पिता की हृदय घात से मृत्यु हुई तो पुत्र विजय नेताम पर कर्ज का डंडा घूमने लगा और फिर पिता के कर्ज के वापसी के लिए बेटे विजय नेताम पर दबाव बढ़ता चला गया ऐसा परिजनों का आरोप है।
??एटीएम बैंक पासबुक भी सुधखोरों के पास
मृतक विजय नेताम की माता, बहन , भाई और पत्नी ने यह भी बताया कि एटीएम पासबुक और बैंक के समस्त लेनदेन संबंधी दस्तावेज हत्थेल परिवार ने अपने पास ही रखा हुआ है जो सूदखोर के दबंगई का परिचायक है।
??मृतक ने सुसाइड नोट भी लिखा था
मृतक विजय नेताम ने कॉपी के पन्ने में प्रताड़ना संबंधी अपनी बातो का जिक्र बकायदा सूदखोरो के नाम सहित किया है जो सोनम साहू, अरविंद, गब्बर और तरुण हत्थेल है उन नामों की पुष्टि भी परिजन ने पत्रकारों के समक्ष की है । परिजनों ने यही यह भी बताया कि सुसाइड नोट में लिखावट भी विजय नेताम की होना बताया।
??अनुसूचित जाति प्राधिकरण अध्यक्ष भी पहुंचे परिजनों से मिलने
डोंगरगढ़ सजग विधायक और अनुसूचित जाति प्राधिकरण के अध्यक्ष भुनेश्वर बघेल दिवंगत विजय नेताम के परिजनों से मिलने पहुंचे जहां परिजनों ने उपरोक्त घटना की समस्त जानकारी उनके सामने रखी विधायक भुनेश्वर बघेल ने भी पूर्ण जांच का भरोसा परिजनों को दिया है।