रायपुर । 21 मार्च से जारी स्वास्थ्य संयोजको की अनिश्चितकालीन हड़ताल दिन ब दिन उग्र होता जा रहा है बूढ़ातालाब में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य संयोजको ने जलसमाधि सत्याग्रह करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया है।ज्ञात हो कि स्वास्थ्य संयोजको की स्वास्थ्य मंत्री के साथ मांगो के संबंध में चर्चा एवं उचित निर्णय लेने हेतु अंतिम चर्चा की सहमति दिया गया था किंतु दोबारा चर्चा नही होने के कारण आंदोलन अभी तक जारी है ।इधर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण जनता इधर उधर भटकना पड़ रहा है ग्रामीण क्षेत्रो में टीकाकरण, सामान्य बीमारियों का प्राथमिक उपचार, टीबी एवं कुष्ठ जैसे संक्रामक बीमारियों के मरीजो को समय पर दवाई नही मिल पा रही है । गांव के गर्भवती महिलाएं अपनी जांच एवं बच्चों के टीकाकरण के लिए इंतजार में है कि कब हड़ताल खत्म हो और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओ का लाभ मिल सके ।उधर स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार को प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य से कोई लेना देना नही है इसलिए वह हड़ताल के संबंध में उचित निर्णय नही ले पा रही है जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है इधर नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया ने स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों की मांगों के सम्बंध में समर्थन पत्र जारी करते हुए मांगे पूरी करने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष टार्जन गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों में पदनाम परिवर्तन जैसे गैरवित्तीय मांग भी शामिल है उन पर भी विभाग ने कोई निर्णय नही लिया है जबकि वन विभाग की कर्मचारियों की मांगों पर सक्रियता दिखाते हुए वन विभाग ने पदनाम परिवर्तन जैसे गैर वित्तीय मांग पर तुरंत आदेश जारी कर दिया है । स्वास्थ्य संयोजको के वेतन विसंगति के संबंध में प्रदेश सचिव प्रवीण डीडवंशी ने कहा कि समान योग्यता एवं प्रशिक्षण अवधि और बहु सूत्रीय कार्यशैली के आधार पर सरकार को चर्चा कर जल्द स्वास्थ्य संयोजको की वेतन विसंगति का निराकरण करना चाहिए जिससे प्रदेश की जनता की स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल हो सके।