पंडरिया-ब्लाक अंतर्गत प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में भवन मरम्मत का कार्य चल रहा है,जिसमें ठेकेदारों द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य किया जा रहा है।ब्लाक अंतर्गत करीब 210 प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों का मरम्मत कार्य करने हेतु स्वीकृति हुई है।भवन मरम्मत आरईएस द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से कराया जा रहा है।ठेकेदारों द्वारा दीवारों में जहां छबाई उखड़ा हुआ है,उसी एरिया का मरम्मत किया जा रहा है।इसके अलावा छत,खिड़की दरवाजे व फर्श की मरम्मत किया जाना है।

ज्ञात हो कि अधिकतर विद्यालयों में फर्श लगाने का कार्य शिक्षकों द्वारा पूर्व में किया जा चुका है। 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों की दीवारें काफी कमजोर हो चुकी है।जिसमें पूरे छबाई की आवश्यकता है,लेकिन ठेकेदार केवल क्रेक एरिया का मरम्मत कर रहे हैं।जो ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगा।ऐसे में मरम्मत का कोई औचित्य नहीं रहेगा।विद्यालयों में चल रहे मरम्मत कार्यों का निरीक्षण भी नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है।कई विद्यालयों में अब तक इंजीनियर भी नहीं पहुंचे है।शिक्षकों के पास कार्य का स्टीमेट नहीं है,जिसके चलते ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं।

4 से 5 लाख तक स्वीकृत– अधिकतर विद्यालयों में मरम्मत व नवीनीकरण के लिए 4 से 5 लाख तक कि राशि स्वीकृत हुई है।जिसमे पूरे दीवार के साथ-साथ टाइल्स व पुट्टी लगाया जा सकता है।किंतु ठेकेदारों द्वारा केवल दीवार में कापा लगाया जा रहा है।इसके अलावा छत व फर्श का मरम्मत का कार्य किया जाएगा।


50 प्रतिशत विद्यालयों में कार्य शुरू नहीं हुआ-ब्लाक अन्तर्गत अभी तक कुछ विद्यालयों में ही मरम्मत कार्य प्रारंभ हुआ है।करीब 50 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों में मरम्मत कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है।स्कूल खुलने में कुछ ही दिन शेष हैं।स्कूल खुल जाने के बाद मरम्मत कार्य मे परेशानी होगी।
शिक्षा विभाग के खंड स्त्रोत समन्वयक अर्जुन चंद्रवंशी ने बताया कि कई जगह गुणवत्ताहीन कार्य की शिकायत मिल रही है।श्री चंद्रवंशी ने शनिवार को शास पू शाला सूरजपरा कला एवं शा पूर्व माध्यमिक शाला बघर्रा का मरम्मत कार्य का अवलोकन किया गया। जिसमें गुणवत्ताहीन कार्य दिखाई दिया। श्री चंद्रवंशी ने बताया कि उनके द्वारा सम्बन्धित ठेकेदार एवं उपयंत्री से टेलिफोनिक बात हुई,जिसमें उपयंत्री द्वारा पुनः छत मरम्मत कराने की बात कही गई।