मलेरिया प्रकरण कम होने में अहम भूमिका निभा रही कीटनाशक दवालेपित मछरदानी….पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने किया वितरण का शुभारम्भ


पंडरिया – विकास खंड के लगभग 52 गाँव ऐसे है,जहाँ मलेरिया का प्रकोप रहा है। जिसे नियंत्रण और उन्मूलन करने के लिए राज्य एव केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर योजना चलाई जाती रही है।इसी के तहत राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत दीर्घ कालिक चिरस्थाई किटनाशी दवालेपित मछरदानी का वितरण मछर से बचाव एवं जागरूकता के लिए वितरण से बचाव के लिए किया जाता ह रहा है।
इसी तरह इस वर्ष भी लगभग 13254 मछरदानियों का वितरण किया जाना है जो परिवार वार जानकरी एकत्र करने के बाद इन क्षेत्र में किया जा रहा है ।जिसका शुभारम्भ दिनांक 11 फरवरी 2024 को सेंदुरखार में विधायक श्री मति भावना बोहरा द्वारा आदिवासियों को वितरण कर किया गया। विधायक श्रीमति बोहरा द्वारा वितरण के दौरान इस क्षेत्र में मलेरिया उन्मूलन के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में एवं इस कार्यक्रम मे से जुडी योजनाओं के बारे में जानकारी एवं चर्चाये साझा की गई। बताया गया कि इस वर्ष मलेरिया सेंव्दनशील उपस्वास्थ केंद्र कोद्वागोदान, चियाडांड, बदना, भाकुर, पोलमी, रुखमींदादर, सेंदुरखार भेलकी एवं पंड्रिपानी के आश्रित ग्रामो में किया जा रहा है।
इससे पूर्व भी बट चुकी है मछर दानिया मलेरिया संदेहास्पद क्षेत्र होने के वज़ह और पूर्व के वर्षो के औसत मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक 1 या 1 से अधिक रहा है उन उपस्वास्थ केंद्र और उनके आश्रित ग्रामो में शासन द्वारा देय दिशा निर्देश के अनुसार वितरण किया जाता रहा है, जिससे कुछ वर्षो से मलेरिया का प्रकरण कम हुए है।
परिवार साइज़ अनुसार है मछर दानिया किट नाशी दवालेपित मछरदानी परिवार के साइज़ को देख के बनाया गया है एवं परिवार के सदस्यों के अनुसार वितरण किया जा रहा है, जिसमे साइज़ 1 साइज़ 2 एवं साइज़ 3 है जिससे सुगमता पूर्वक हितग्राही उपयोग कर सके।
विकास खंड पंडरिया में अब काफ़ी कम हो गए मलेरिया प्रकरण विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अनामिका पटेल द्वारा बताया गया की रिपोर्ट के अनुसार जहाँ वर्ष 2016 -17 में 2541 मलेरिया के प्रकरण थे वही अब इस वर्ष मात्र 9 ही प्रकरण मिले है। इस पर इनके द्वारा बताया गया की ये कमी निरंतर चल रहे मलेरिया स्वास्थ्य शिविर सर्वे और सोर्स रीडसकन सर्वें जो स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया प्रभारी,आर एच वो, सी एच ओ और मितानिन द्वारा किया जाता रहा है उसके साथ ही एक भी मलेरिया प्रकरण मिलने पर उस संबधित क्षेत्र में रैपिड फीवर सर्वे और उस प्रकरण का पूर्ण ट्रीटमेंट प्राइमाक्वीन की गोलिया खिलाकर किया जाता रहा है जिससे हर वर्ष प्रकरण में कमी आई है जिसके चलते इस वर्ष मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक 0.0024 हो गया है।

वितरण के दौरान सेल्फी जोन और मछरदानी लगाकर किया आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को मलेरिया के प्रति जागरूक सेंदुरखार में मछरदानी वितरण के दौरान सेल्फी पॉइंट बनाया गया जिसमे मछरदानी का सकारात्मक उपयोग करने एवं उपयोग करने हेतु निर्देश बताया गया, इसके साथ ही वितरण के दौरान मछरदानी को एक खाट से लगाकर उदाहरण स्वरुप उसे कैसे उपयोग किया जाता है यह समय समय पर सेंदुरखार के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता द्वारा बताया जा रहा था। वितरण कार्यक्रम के दौरान खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अनामिका पटेल के साथ बी ई ई श्री शमसाद खान, बी पी एम श्री प्रदीप ठाकुर, सुपरवाइजर श्री आशुतोष शर्मा, एस टी एल एस श्री जेम्स जॉन एवं साथ मे वितरण व्यवस्था एवं वितरण के लिए सेंदुर खार के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता संजय डहरिया, नवीन साहू, भारती साहू और गीता सोनी उपस्थित रहे और जन समुदाय को जागरूक किया।