
राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । नगर से करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित क्रांति जलाशय का पानी विगत महीने भर से नाले में बहाया जा रहा है।ब्लाक अंतर्गत क्रांति जलाशय ही एक जलाशय है जिससे खरीफ फसल की थोड़ी -बहुत सिंचाई हो जाती है।इससे करीब 1100 हेक्टेयर फसल की सिंचाई होती है।इसके अलावा इसमें पानी भरे रहने से आस-पास के गांवों व नगर में जल स्तर भी बना रहता है। इन सबके बावजूद सिंचाई विभाग के कर्मचारियो द्वारा जलाशय के गेट को खोलकर पानी खाली किया जा रहा है।ग्रामीणों के अनुसार पिछले महीने भर से गेट खुलने के कारण नहर में पानी व्यर्थ बह रहा है,जो नाले में जा रहा है।खबर प्रकाशित करने के अलावा ग्रामीणों द्वारा इसकी जानकारी सिंचाई विभाग को दी गई है।किंतु गेट को बंद नहीं किया गया।ग्रामीणों ने बताया कि जरूरत के समय नहर बंद रखी गई है,जबकि अब जरूरत नहीं होने पर पानी नाले में बहाया जा रहा है।बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग के कर्मचारी व मछली पकड़ने वालों ने बांध का गेट खोल दिये हैं।ज्यादा पानी होने के कारण मछली पकड़ने में परेशानी हो रही थी,जिसके कारण जलाशय के पानी को खाली किया जा रहा है।सिंचाई विभाग के कर्मचारी व मछली पालक अपने थोड़े से लाभ के लिए लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा रहा है।क्षेत्र के एक मात्र क्रांति जलाशय का पानी करीब 30 दिन से व्यर्थ बह रहा है।विभाग जानबूझकर इसे बहा रहा है।इस व्यर्थ बह रहे पानी से क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक तालाब को भरा जा सकता था।

सिंचाई विभाग को पानी की मोल नहीं- पूरी दुनिया पानी को संरक्षित करने के लिए अनेक योजनाएं बना रही है,वहीं ब्लाक का सिंचाई विभाग को पानी की कीमत का अंदाजा नहीं है।थोड़े से लाभ के लिए जलाशय खाली किया जा रहा है।फरवरी माह के बाद क्षेत्र के कई गांव में पेयजल के लिए तरसते हैं।ब्लाक के नरौली,डबरी, नवागांव,तिलइभाट सहित अनेक वनांचल गांवों में लोगों को पेयजल नसीब नही होता,किन्तु सिंचाई विभाग जलाशय के पानी को व्यर्थ ही बहाया जा रहा है।महीने भर से गेट खोलने के कारण जलाशय का पानी आधा से अधिक खाली हो चुका है।
कार्यवाही की मांग- जानबूझकर पानी को बहाने वाले कर्मचारियों व अन्य लोगों पर प्रशासन को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।विभाग के कर्मचारी गेट का खराब होना बताते हैं।एक माह पहले यह गेट सही था।ग्रामीणों का कहना है कि गेट को खोला करीब महीने भर पहले खोला गया था।जिसमें विभाग की भी मिलीभगत बताई जा रही है।ग्रामीण ऐसे लोगों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
पता न चले इसलिए नाले में गिराया पानी- गेट खोलने के बाद नहर के द्वारा पानी खेतों व नगर की ओर बहता जिससे फसल भी नुकसान होता तथा लोगों को पानी बहने की जानकारी भी हो जाती इसलिएसिंचाई विभाग व अन्य लोगों द्वारा जलाशय के कुछ दूर आगे नहर को बंद कर दिया गया,तथा ऊपर से नहर को काटकर पानी को नाला में गिरा दिया गया। जिससे पानी खेतों की तरफ नहीं जाए साथ ही पानी खुलने की जानकारी किसी को न हो सके।सूखे हरिनाले में करीब महीने भर से पानी बह रहा है।