राष्ट्पति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा की खाते से लाखों रुपए फर्जी तरीके से हुआ आहरण,शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा कार्रवाई

रिपोर्टर- गुलाब यादव

बगीचा। राष्ट्पति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा का जशपुर जिले में अक्सर कहीं न कहिं ठगी का शिकार होने का बात सुनने को आता है आखिरकार ऐसा क्यूँ होता है आदिवशियों के साथ क्योंकि वह बहुत ही भोले भाले होते हैं दूसरे कास्ट के बातों में जल्द झांसे में आ जाते वजह एकी है कि भोलेपन का और शिकारी शिकार कर चला जाता है,उदहारण के लिए बता दूं कि जशपुर जिले के अंतर्गत आदिवशियों की जमीनों की ठगी इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री आवास में भी ठीकेदारी कर आदिवशियों कोरवाओं से खताओं से आहरण करवा कर पैसा हज्म कर दी गई और आज तक आवास अधूरा पड़े हुए हैं और वह आदिवासी समाज के लोग नहीं जा सकते हैं नहीं शिकायत कर सकते हैं,

बता दें कि बगीचा विकास खण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पंड्रापाठ का है जहां एक भृत्य नागेन्द्र राम पहाड़ी कोरवा का खाता से लाखों रुपए आहरण कर लिया गया और नागेन्द्र राम को भनक तक नहीं लगा वह आदिवासी पहाड़ी कोरवा शारिरिक रूप से विकलांग है उसे लकवा का भी बिंमारी से ग्रसित भी है उन्होंने जब बीमारी से तंग आकर जब इलाज के लिए जब पैसा निकलाने गया तो पैसा खाते में है ही नहीं तब नागेन्द्र राम को संदेह हुआ कि जब पैसा इतना माह से इतना माह तक निकाला ही नहीं तो गायब कैसे हो गया जब कि मानदेय बन चुका है फिर इन्होंने बैंक से सारी जानकारी निकली तो बता चला कि खाते से पैसा आहरण भी हो चुका है,

भृत्य नागेन्द्र राम का यह भी कहना है कि एक बार मेरे नाम का चेक आया हुआ था डाक के माध्यम से जिसमें वह चेक बुक को नहीं रखते हुए डाकिया को वापस लौटा दिया गया,

लेकिन यह खेल यहीं से सुरु हुआ चेकबुक डाकिया के पास से अज्ञात व्यक्ति ने डुबल्किकेट नागेन्द्र राम बनकर सेम टू सेम हस्ताक्षर कर चेकबुक ले लिया गया और डाकिया का सकल तक मालूम नहीं कि चेकबुक कौन व्यक्ति लिया है और वहीं से पैसा आहरण होने लगा खाते में से टोटल योग(7.96.500) सात लाख छेयानबे हजार पांच सौ रुपये आहरण किया गया है,दिए गए सबूत के माध्यम से अंदाजा लगा सकते हैं की किस कदर आहरण किया गया है पैसा,

हलाकि नागेन्द्र राम ने बगीचा थाने में मामला दर्ज कराई है लेकिन कार्यवाही अब तक नहीं हो पा रहा है पीड़ित ने दर दर भटकने को मजबूर है कहिं तो पुलिस अधीक्षक के पास जा रहा तो कभी कलेक्टर के पास जा रहा लेकिन इसका कार्यवाही को आगे बढाने को कोई तैयार नहीं,

*पूरे मामले पर बगीचा एसडीओपी,अलीम खान ने बताया कि मेरे संज्ञान में मामला नहीं था एक आवेदन मेरे पास भेज दो करवाई हो जाएगी*

अब देखने वाली बात यह होगा कि क्या पीड़ित व्यक्ति दर दर भटकते रह जाता है या इसे न्याय मिल पाएगा