रिपोर्टर, चंद्रभान यादव
जशपुर। पत्थलगांव में क्रिकेट खेलों के साथ ही जुआ-सट्टा का बाजार भी गर्म हो चुका है। जुआ सट्टा का कारोबार लंबे अर्से से बेखौफ जारी है। शहर भी इस कारोबार से अछूता नहीं है। जुआ सट्टे का जानलेवा खेल शहर में भी गोपनीय तरीके से खिलवाया जा रहा है। इस खेल में नुकसान खाकर कई लोग आत्महत्या कर चुके हैं। दो दिन पहले भी रायगढ़ के एक व्यापारी ने जुआ-सट्टे में फंसकर आत्महत्या कर ली। जिसकी शव यात्रा में चलने वाले लोगों ने तख्ती लेकर इस खेल पर रोक लगाने की प्रशासन से गुहार लगाई।

इन दिनो शहर मे भी युवाओं का एक बडा खेमा जुआ,सटटा खिलाने का काम कर रहा है। यह खेल क्रिकेट पर आधारित है। क्रिकेट का टी-20 वर्ल्ड कप चलने के कारण जुए और सट्टे का कारोबार चरम पर है। खेल में खिलाड़ी के अलावा खाइवाल बडी भूमिका निभाते हैं। शहर में भी कई खाइवाल मौजूद है,जो इंटरनेट के माध्यम से मुंबई, कोलकाता, दिल्ली यहां तक की दुबई तक अपने तार जोड़ रखे हैं।
ये यहां के खिलाड़ियों से क्रिकेट मैच में जीत हार के अलावा विकेट गिरने व हर ओवर की बॉल पर भी रुपए लगवाने का काम करते है। इस खेल में खिलाड़ी कई बार लाखों रुपए कमा भी लेता है, परंतु भाग्य साथ ना देने पर इस खेल में मोटा नुकसान होने की आशंका अधिक रहती है,परंतु खेल और खिलाड़ी के बीच मे खाइवाल को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता,यही कारण है कि इस खेल मे खाईवालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही।
बस स्टैंड प्रमुख केंद्र, लाखों का यहां चलता है सटटा
शहर का बस स्टैंड इन दिनो सट्टा खिलाने का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है,सफेद धंधों की आड़ मे यहां के कई दुकानदार सट्टा खिलाने का काम कर रहे है। हाईटेक साफ्टवेयर से संचालित सट्टे का बाजार मोबाइल के जरिये खिलाया जाता है,रात होते ही शहर का बस स्टैंड सट्टे के बाजार से गुलजार होना शुरू हो जाता है। बस स्टैंड की अनेक दुकानें सट्टा खिलाने का प्रमुख केन्द्र बनी हुई है,पुलिस यदि ऐसी जगहों पर दबिश देकर जांच करती है तो कई सफेद पोश लोगो के चेहरों से नकाब हट सकता है।
कमीशन के लालच में आए दिन बढ़ रहे खाइवाल
खाईवाल का काम खिलाड़ियों से सट्टे में पैसे लगवाना रहता है। जीत-हार से उसे कोई सरोकार नहीं रहता। ये बतौर कमीशन काम करते है। शहर में गोपनीय तरीके से कई खाइवाल जुआ सट्टा खिलाने का काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि यहां भी हर रोज हर मैच पर लाखों रुपए का सट्टा खिलाया जा रहा है। यदि पुलिस प्रशासन जल्द ही ऐसे खाईवालों का पता लगाकर इस जानलेवा खेल पर रोक नहीं लगाती है तो जिले में भी रायगढ़ जैसी घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है।
सटोरिए बख्शे नहीं जाएंगे, कठोर कार्रवाई की जाएगी
इस तरह के सटोरिये व उनके ठिकानों का पता लगाकर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सटोरिए बख्शे नहीं जाएंगे।
डी.रविशंकर, जिला पुलिस अधीक्षक-जशपुर