तीन हजार से अधिक बीएड योग्यता धारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में;बीएड धारी शिक्षकों ने विधायकों से की मुलाकात, रखा अपना पक्ष

अनूप वर्मा

चारामा ।शिक्षक बनने के लिए पीएससी जैसे जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।पिछले साल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब साढ़े छह हजार प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती हुई। इनमें से तीन हजार से अधिक ऐसे टीचर हैं, जिन्होंने बीएड डिग्री के आधार पर यह नौकरी लिया। तब इन भर्तियों के लिए जरूरी शैक्षणिक योग्यता में डीएलएड के साथ बीएड को भी मान्य किया गया था। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने अपने एक निर्णय में बीएड करने वाले उम्मीदवारों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया और राज्य शासन को छह सप्ताह में पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने को कहा।

इसके बाद से बीएड डिग्री धारी सहायक शिक्षकों की नौकरी पर खतरे में पड़ गई है।इसे लेकर गुरुवार को बीएड धारी सहायक शिक्षकों ने गुरुवार को विधायक भानुप्रतापपुर सावित्री मनोज मंडावी , विधायक डौंडीलोहारा अनिला भेड़िया, विधायक बालोद संगीता सिन्हा, विधायक गुंडरदेही कंवर सिंह निषाद, विधायक नगरी अम्बिका मरकाम से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि उनकी नियुक्ति नियमों के अनुसार हुई। वे छह-छह महीने से अलग-अलग जिलों के सरकारी स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं। अचानक नौकरी जाने से बड़ी समस्या होगी।

उन्होंने मांग की कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से रखा जाए, साथ ही उन्हें नौकरी में यथावत रखा जाए। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग से पिछले साल नियुक्त हुए सहायक शिक्षकों की लिस्ट निकाली जा रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि कितने सहायक शिक्षकों के पास सिर्फ बीएड के डिग्री है। कार्यरत बीएड डिग्री धारी सहायक शिक्षकों के इस स्थिति को देखते हुए स्कूली बच्चों, पालकों एवं विभिन्न शिक्षक संघों का समर्थन पत्र मिल रहा है ।