पाटन । पाटन ब्लॉक अंतर्गत ग्राम चुलगहन में पटेल परिवार द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा पुराण के शुभांरभ दिन में पूरे गांव में कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें ग्राम के सभी लोग शामिल हुए। उसके पश्चात् पंडित लक्ष्मी नारायण राधेकृष्ण के मुखारविंद से भागवत कथा का रसपान श्रृद्धालुओ ने किया।
प्रथम दिन गोकर्ण की कथा में भागवताचार्य ने बताया कि भगवान सूर्य की सलाह पर गोकर्ण ने धुन्धुकारी को प्रेतयोनि से मुक्त करने के लिये श्रीमद्भागवत की सप्ताह-कथा प्रारम्भ की। श्रीमद्भागवतकथा का समाचार सुनकर आस-पास के गाँवों के लोग भी कथा सुनने के लिये एकत्र हो गये। जब व्यास के आसन पर बैठकर गोकर्ण ने कथा कहनी प्रारम्भ की, तब धुन्धुकारी भी प्रेतरूप में सात गाँठों के एक बांस के छिद्र में बैठकर कथा सुनने लगा। सात दिनों की कथा में क्रमश: उस बाँस की सातों गाठें फट गयीं और धुन्धुकारी प्रेतयोनि से मुक्त होकर भगवान के धाम को चला गया।
भागवताचार्य पं लक्ष्मीनारायण राधेकृष्ण महाराज ने बताया कि जिस तरह ज्ञान प्राप्त करने में बरसों लग जाते हैं, परन्तु अज्ञानता वश की गई एक भूल समस्त ज्ञान को धो देता है, उसी तरह चरित्र निर्माण में पूरा जीवन व्यतीत हो जाता है पर ध्वस्त होने में कुछ क्षण भी नहीं लगता। आज का कथा विराम यही पर हुआ।