गोपियों को आनंद देने कन्हैया करते थे माखन चोरी : रेणुका दीदी महारास देखने भोलेनाथ को बनना पड़ा नारी

पाटन
राम नगरी ग्राम कसही में नायक परिवार द्वारा संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण आयोजित किया गया है। भागवत सप्ताह के छठवें दिन भगवान श्री कृष्णा की बाल लीलाओं और उनके अनन्य भक्तों की चर्चा करते हुए भागवताचार्य रेणुका दीदी ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा सब के हैं इस गिरधर नटवर को हर जाति – धर्म के लोग पूजते हैं। कुछ लोग सामाजिक समरसता बिगड़ने तथा सनातन धर्म में विकृति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को रसखान की कृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा से शिक्षा लेनी चाहिए। इन्होंने यह कहा कि बाल गोपाल गोपियों को आनंद देने के लिए ही माखन चोरी करते थे। उन्हें क्या जरूरत थी चोरी करने की। जिस दिन वे चोरी करने नहीं जाते थे। उस दिन गोपियां स्वयं लाला से मिलने यशोदा मैय्या के घर पहुंच जाती थीं।


कथा बाँचते उन्होंने बताया कि भगवान भोलेनाथ भी श्रीकृष्ण के महारास में जाने थे और इसके लिए उन्हें नारी का रूप धरना पड़ा। कन्हैया ने उन्हें लीला में जाने से नहीं रोक पाए उन्हें गोपेश्वरी नाम दिया। वृंदावन में गोपेश्वर महादेव का मंदिर है। जहां दिन में भोलेनाथ की विधिवत पूजा होती है, वही शाम को उन्हें स्त्री रूप मे श्रृंगारित किया जाता है।


भागवतमय हुआ कसही
ग्राम तहसील में श्रीमती जोतकुंवर नायक परिवार द्वारा सात दिवसीय संगीत में श्रीमद् भागवत महापुराण आयोजित किया गया है। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में शामिल होने बड़ी संख्या में भक्त भागवत कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं। बेहतर ध्वनि व्यवस्था के चलते पूरा गांव भागवत मय हो गया है। रविवार को भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, मथुरा प्रवेश, कंसवध और रुक्मणी मंगल की कथा प्रस्तुत की गई।


सामाजिक सौहार्द्रता न बिगाड़ें
श्रोताओं को संबोधित करते हुए कथा वाचिका रेणुका दीदी ने कहा कि नटखट कृष्ण के सभी चाहने वाले हैं, किंतु कुछ लोगों ने कृष्ण भक्ति और सनातन को बांटने का प्रयास कर सामाजिक सौहार्द्रता बिगड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कवि रसखान ने बाल गोपाल को अपने हाथों से पादुका पहनाई और सैकड़ों कृष्ण आराधना की रचना की। कथा प्रसंग के दौरान रुक्मणी और कृष्ण का विवाह का प्रसंग भी आया। अनुष्ठान अनुरूप कृष्णा और रुक्मणी का औपचारिक विवाह कराया गया। इस भावपूर्ण दृश्य को देखते लोग उमड़ पड़े।
आज अनुष्ठान का समापन
सोमवार को सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण का समापन होगा, वहीं मंगलवार को गीता पाठ व तुलसी वर्षा की जाएगी।