पंडरिया। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवम अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पंडरिया द्वारा मणिपुर में महिलाओं पर हुए अमानवीय कृत्य के विरोध में कैंडल मार्च निकाला गया।नगर के मंडी चौक से लेकर कैंडल मार्च निकाला गया जो थाना तक मार्च किया गया।जिसके पश्चात राष्ट्रपति के नाम थाना में ज्ञापन दिया गया।जिसमें मणिपुर में महिलाओं के साथ अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए मणिपुर हिंसा पर ध्यान केंद्रित कर आवश्यक निर्णय लेने की मांग की गई है।उन्होंने ज्ञापन में बताया कि मणिपुर में नागा कुकी समुदाय की जनसंख्या 35% है जो की अनुसूचित जनजाति वर्ग से सम्बन्ध रखते है। वही 5%, जनसंख्या “मेतिस” वर्ग की है, जिनका अनुसूचित जनजाति से दूर-दूर तक कहीं कोई सम्बन्ध नहीं है। मैतिस वर्ग के पास उपजाऊ भूमि है एवं वह आर्थिक रूप से सक्षम भी है।

मणिपुर राज्य सरकार द्वारा मेतिस वर्ग को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है जिसका विरोध सुप्रीमकोर्ट द्वारा भी किया जा चुका है। इसके बाद भी मणिपुर राज्य सरकार के समर्थन से पुनः मेतिस वर्ग को जनजाति वर्ग में शामिल किये जाने के प्रयास किये गए है जो की नागा- कुकी (जनजाति) वर्ग के अधिकारों का हनन है। मणिपुर राज्य सरकार के सहयोग से मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा द्वारा मेतिस वर्ग के पक्ष में फैसला पूर्णतः राजनीती से प्रेरित है। मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीमकोर्ट द्वारा कड़ी निंदा की गई है एवं फैसले को वापस लेने के निर्देश दिए है। इससे प्रतीत होता है की मणिपुर राज्य सरकार एक पक्षीय मेतिस वर्ग का सपोर्ट कर रही है एवं नागा-कुकी (जनजाति) वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है। इसी कारण विगत महीनो में नागा- कुकी (जनजाति वर्ग को घर से बेदखल किया गया जो की निंदनीय है।राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो (रजि) केंद्र सरकार एवं राष्ट्रपति से मांग की है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्णय की मर्यादा रखते हुए मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को निरस्त कर मणिपुर के आदिवासियों को उनके अधिकार प्रदान करना चाहिए। मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 10-10 लाख का मुआवाणी व शासकीय नोकरी प्रदान की जाए। वोट बैंक के लिए किसी भी राज्य में केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों की भूमि पर कब्जा नहीं किया जाए।अनुसूचित जनजाति वर्ग देश का धरोहर एवं संस्कृति के प्रतिक है उनको संरक्षित करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र सरकार की है। सरकार अपना कर्तव्य पारदर्शिता के साथ निभाने के लिए प्रतिबद्ध है,जिसका पालन प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा करने की मांग की है।इस दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार एवम अपराध नियंत्रण ब्यूरो जिलाध्यक्ष मलायिका सिंह राजपूत,वॉलंटियर लकी सिंह, कुलपति डीएसए मानिकपुरी,उधो मानिकपुरी, सतीश मानिकपुरी, गीता शर्मा एवं नगरवासी उपस्थित रहे।