किचड़ से जीवन दुभर, प्रशासन के मौन रवैया का किया पलानसरी वासियों ने रोपा लगाकर विरोध

पंडरिया-ब्लाक के सबसे बड़े रकबा एवं जनसंख्या वाले ग्राम पलानरी में मुलभूत सुविधाओं आभाव हैं। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण नहीं करने का विरोध सड़क पर रोपा लगाकर किया।आवागमन के रास्ते इतने दुभर हों गए हैं,जिसमें चल पाना बड़ा कठिन हो गया है। ग्रामीणों का मानना है कि शासन प्रशासन पलानसरी के ग्रामीणों की बातों को नजरंदाज करते आ रहे हैं। सड़क पक्की करण के लिए अनेकानेक बार मांग पत्र ज्ञापन प्रस्ताव व मांग दिया जा चुका है। बावजूद इसके प्रशासन ने किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया।

ग्रामीण ईश्वरीय साहू ने बताया कि इस सड़क में 15 परिवार के ग्रामीणों का जीवन फंसा हुआ है। क्योंकि तबियत खराब हो जाए तों गाड़ी घर तक नहीं आतीं। एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बड़ी मुश्किल से सर पर लादकर घर तक लाना पड़ता है।रवि चन्द्रवंशी ने बताया की इस रास्ते से निकलकर दर्जनों बच्चों प्रतिदिन स्कूल जाते हैं। जिनके साथ आएं दिन घटना घटित होती है। विद्यार्थी किचड़ में गीर जाते हैं। जिससे उनका गणवेश गंदा हो जाता है। फिर स्कूल जाना बंद कर देते हैं।


किसानी के दिन में किसानों को सर पर ढोना पड़ रहा है खाद, बीज
पलानसरी का यह सड़क गांव को खेतों से भी जोड़ने वाला मार्ग है। मार्ग की लम्बाई महज 500 मीटर है,जिससे आगे चलकर पलानसरी गांव का सिंचित कृषि रकबा है। बड़ी संख्या में किसानों का खेत होने के कारण खाद्य बीज की भी आवश्यकता पड़ती है।

परन्तु सड़क की स्थिति किचड़नुमा होने के कारण खाद- बीज को सीर पर ढोकर ले जाने में किसान मजबूर हैं।उक्त सड़क पर रोपा लगाकर विरोध जताने प्रमुख रूप से ग्रामीण जन एवं गांव के युवा साथी उपस्थित रहें।
रवि चन्द्रवंशी,ईश्वरीय साहू, प्रमोद चन्द्रवंशी, नरेश, मनीष, यदुनंदन सहित अनेक ग्रामीण शामिल रहे।