बलराम यादव
पाटन। खारुन नदी को दक्षिण पाटन का जीवन दायिनी नदी कहा जाता है। लेकिन यह नदी अभी शुरुआती गर्मी में हो सूखने लगी है। खारुन नदी के सूखने का कारण यह है की तरीघाट में जो एनीकेट बने है उसका गेट जर्जर हो गया है। इस कारण पानी नही रुकता। तरीघाट, केसरा और परसुली डीह के सरपंचों ने बताया की एनीकेट का रिपेयरिंग नही हुआ तो ग्रामीणों के साथ मिलकर चुनाव का बहिष्कार कर सकते है। ग्राम तरीघाट के एनीकेट से पानी रुकता था तब गर्मी में भी ये तीनो गांव में निस्तरी का संकट नही होता था।

लेकिन अभी स्थिति काफी भ्यावाह हो चुका है। अभी खारुन नदी सुख गया है। नदी किनारे के गांवों में तालाब ज्यादा नहीं रहते , निस्तारी कार्य के लिए ग्रामीण नदी के ही भरोसे रहते है। सरपंच तरीघाट अशोक साहू, सरपंच केसरा भागवत सिन्हा और परसूली डीह के सरपंच घनश्याम यादव ने बताया की नदी का पाणी सुख चुका है ।।सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा। कई बार ज्ञापन दिया लेकिन हर बार विभाग में बजट नही है करके जर्जर एनीकेट का संधारण नही किया।आज उसी जर्जर खुला एनीकेट से नदी का पाणी बह गया। ओर नदी सुख गया। अब तो ग्रामीण आगामी लोकसभा चुनाव चुनाव बहिष्कार करने की भी बात कह रहे है।

खारुन नदी पर ग्राम तरीघाट पर बने एनीकेट के लोहे के गेट काफी जर्जर हो गया था। इसकी संधारण की मांग करते हुए ग्राम पंचायत तरीघाट एवं ग्राम पंचायत परसुलीडीह के सरपंच ने संयुक्त रूप से कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सोपा था। शासन प्रशासन इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पहले तरीघाट स्थित एनीकेट का निरीक्षण किया और इसके बाद जर्जर गेट का संधारण कार्य शुरू हुआ। लेकिन 2 गेट अभी भी जर्जर है। इसकी बनाना सिंचाई विभाग भूल गया। सरपंच अशोक साहू ने जल्द ही दो जर्जर गेट को संधारण किए जाने की मांग किया है। साथ ही कहा है की चार गेट को छोड़कर सभी गेट को स्थाई रूप से बंद कर देना चाहिए।

ज्ञापन सौंपने के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन, लेकिन काम अधूरा ही किया
प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण पाटन क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव का जीवन रेखा माने जाने वाली खारून नदी पर कई गांव में एनीकेट बने हुए हैं। जिससे कि पानी को रोका जा सके और निस्तार सहित अन्य जल संकट दूर हो सके। इसी तरीका से एनीकेट ग्राम तरीघाट परसुलिडीह के मध्य भी बनाया गया है। इस एनीकेट में लगे लोहे के गेट काफी जीर्ण शीर्ण अवस्था में हो गए थे । ग्राम पंचायत तरीघाट सरपंच अशोक साहू एवं ग्राम पंचायत परसुलीडीह के सरपंच घनश्याम यादव ने संयुक्त रूप से माह जनवरी में ही कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर गेट के संधारण की मांग किया था। इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने एनीकेट निरीक्षण किया। साथ ही जर्जर गेट को संधारण करने का काम शुरू भी किया लेकिन 2 गेट के संधारण करना छोड़ दिए है। खारुन नदी में पानी जो है वह भी इसी दो गेट से पानी बह रहा है। बता दे की ग्राम तरीघाट परसुलिडीह सहित अन्य कुछ गांव के निस्तार इसी एनीकेट में रुके हुए पानी से होती है। इस कारण से यहां पर गेट का संधारण भी काफी आवश्यक है । सरपंच अशोक साहू ने बताया कि गेट के जर्जर होने से पानी रुकता नहीं था इस कारण ग्रामीणों को निस्तार की संकट का समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर तत्काल इस पर सुधार करवाने की मांग किया था।