करोड़ों की लागत से बनी लिफ्ट इरिगेशन बना मात्र शो-पीस, किसानों को नहीं मिल पा रहा है फायदा

आशीष दास

कोंडागांव/लंजोड़ा । शासन के द्वारा किसानों के हित में नित नई कई योजनाएँ बनाते आ रहे है। परंतु मैदानी इलाके में इसका कितना क्रियान्वयन हो रहा है इसका जीता जागता सबुत विकासखण्ड फरसगांव के ग्राम पंचायत लंजोड़ा में देखने को मिल रहा है ।

जल संसाधन विभाग के द्वारा लंजोड़ा में उन्नत कृषि योजना के तहत लगभग बीस वर्ष पूर्व लिफ्ट ईरिगेशन बनाया गया था, जिसका उद्घाटन तत्कालीन मप्र शासन के मंत्री रहे स्व. बलीराम कश्यप जी के हाथों हुआ था। आज इसकी दूर्दशा देख ऐसा लगता कि कृषि प्रधान देश में किसानों के प्रति सरकार कितना गंभीर है।

करोड़ों की लागत से बनी लिफ्ट इरिगेशन बना मात्र शोपीस-

आज से बीस वर्ष पूर्व करोड़ों की बनी लिफ्ट ईरिगेशन से 300 किसानों के दो हजार एकड़ भूमि सिंचाई क्षमता का लक्ष्य था और इसमें 50-50 एचपी क्षमता के 06 पंप लगे हुए थे जो अब केवल शो पीस बनकर रह गया और केनाल तो प्रायः अदृश्य होने के कगार पर है। किसानों के अपने खेत में बने केनाल जो बेकार हो चुके है उसे बराबर कर दूबारा खेत बना दिया गया ।

जीर्णोद्धार के नाम पर तत्कालीन कलक्टर द्वारा सिंचाई ईरिगेशन के पास बने खंडहर में तब्दीलसरकारी भवन (आपरेटर व चपरासी कक्ष) को दुरुस्त करने का कार्य किया गया लेकिन वहां पर देखरेख करने वाले चपरासी नदारद रहते हैं और देखरेख के अभाव में इरीगेशन खंडहर में तब्दील हो चुका है।

किसानों को हो रही है परेशानी-

हितग्राही किसान हरिशंकर नेताम, सोनाधर नेताम, साधुराम नेताम, अजय वासनीकर, जयलाल नेताम, हरिश्चंद्र नेताम, हितेश पारख, पंचम नेताम का कहना है कि ईरिगेशन बनने के बाद कुछ मात्र किसानों के द्वारा ही दो-तीन वर्ष तक ही सिंचाई किया गया था। उसके बाद से ही यहाँ पानी सप्लाई बंद हो गया। किसानों ने बताया कि लिफ्ट इरिगेशन बंद होने से फिलहाल किसान काफी कठिनाइयों के साथ अपनी-अपनी सुविधा से खेती-बाड़ी का कार्य कर रहे है जो काफी खर्चीला भी होता है। अब किसानों को आधा किमी दूरी से नदी में पाइप लगाकर मशीन के माध्यम से अपने खेतों तक पानी ले जाने का काम कर रहे हैं इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है

किसानों के 500 एकड़ भूमि में लहरांएगे फसल -कलेक्टर

इन ग्रामीण कृषकों की दिशा व दशा सुधारने के तहत उन्नत एवं आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने तत्कालीन कलक्टर नीलकंठ टीकाम 11 दिसंबर 2017 को ग्राम पंचायत लंजोड़ा पहुंचकर ग्रामीण कृषकों का कलस्टर बनाकर 500 एकड़ भूमि चयन कर उसमें उन्नत कृषि हेतु संबंधित विभागों को निर्देश दिए थे। जिसके तहत कुछ दूर तक कैनाल (नाली) की सफाई किया गया था, लेकिन समय के साथ साथ विभागीय अधिकारियों के लापरवाही के चलते योजना टाय टाय फिश हो गई और स्थिति जस के तस बनी हुई है।

मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए के हो रहे वारे न्यारे –हरिशंकर नेताम

पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष (बस्तर) व भाजपा अनु.जन.मोर्चा के प्रदेश सदस्य ने कहा कि लिफ्ट इरिगेशन के आसपास उनका खेत है लेकिन लिफ्ट इरिगशन चालू नहीं होने के चलते मजबूरी में नदी से स्वयं के पंप द्वारा पानी अपने खेत तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि इधर लिफ्ट इरिगेशन का पंप चालू नहीं है लेकिन प्रतिवर्ष जल संसाधन विभाग द्वारा कैनलों का सफाई और बराबर मरम्मत कार्य चल रहा है। लिफ्ट इरिगेशन का पंप चालू ही नहीं होता और इन कैनालों के मरम्मत के नाम से विभाग द्वारा लाखों रुपए की वारे न्यारे हो रहे हैं इस ओर जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

पानी की मांग को लेकर नहीं मिला किसानों का कोई आवेदन-

इस विषय पर जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता आरबी सिंह ने कहा कि लंजोड़ा लिफ्ट इरिगेशन चालू हालत में है लेकिन वहां हितग्राही किसानों का पानी की मांग को लेकर एक बार भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ तो हम बिना मांग का किस के खेत में पानी दे। किसानों को चाहिए कि वे विभाग में पानी की मांग करें फिर उसी हिसाब से हम उनको लिफ्ट इरिगेशन से पानी मुहैया करवाएंगे।