कलयुग के लोगो का कल्याण के लिए भागवत कथा श्रवण जरूरी, छाटा में भागवत कथा का दूसरा दिन, कथा श्रवण करने पहुंच रहे श्रोता


पाटन। ग्राम छाटा में बघेल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दूसरे दिवस पर परिक्षित, शुकदेव की कथा एवं दिव्य मंत्रों के साथ श्रीमद भागवत कथा की शुरुआत की गई। भागवत कथा के दूसरे दिन शुकदेव की वंदना के बारे में वर्णन करते हुए भागवत कथा व्यास रेणुका दीदी गोस्वामी ने कहा कि श्रीमद्भागवत की अमर कथा एवं शुकदेव के जन्म का विस्तार से वर्णन किया। कैसे श्रीकृष्ण ने शुकदेव महाराज को धरती पर भेजा भागवत कथा गायन करने को ताकि कलियुग के लोगों का कल्याण हो सके। संत कृपाराम ने कथा वाचन करते हुए कहा कि भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े।

मानव मुट्ठी बंद करके यह संकल्प दोहराते हुए इस पृथ्वी पर जन्म लेता है। प्रभु भागवत कथा के माध्यम से मानव का यह संकल्प याद दिलाते रहते हैं। भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। भागवत ने कहा है जो भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो, जो प्रभु का मार्ग हो उसे अपना लो, इस संसार में जन्म-मरण से मुक्ति भगवान की कथा ही दिला सकती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं।

महर्षि वेद व्यास के अयोनिज पुत्र थे और यह बारह वर्ष तक माता के गर्भ में रहे।भगवान शिव, पार्वती को अमर कथा सुना रहे थे। पार्वती जी को कथा सुनते-सुनते नींद आ गई और उनकी जगह पर वहां बैठे शुकदेव जीने हुंकारी भरना प्रारम्भ कर दिया। जब भगवान शिव को यह बात ज्ञात हुई, तब उन्होंने शुकदेव को मारने दौड़े और पीछे अपना त्रिशूल छोड़ा। शुकदेव जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागते रहे भागते-भागते वह व्यास जी के आश्रम में आए।

इस असवर पर गिरधर बघेल, श्रीमती शैल बघेल, सहित हिरेंद्र वर्मा, दीप्ति वर्मा, श्रीमती विद्या वर्मा, अभिनेष वर्मा, श्रीमती वंदना भूपेंद्र वर्मा , श्रीमती रीना अशीष देशमुख ,जयप्रकाश बघेल रवि प्रकाश बघेल सहित श्रीमती मीना वर्मा ,श्रीमती रामेश्वरी पंथ राम वर्मा , श्रीमती उमा वर्मा , सतानंद वर्मा, अंशुमन ,आस्क, यशिका ,श्रीजी एवं ग्रामवासी मौजूद थे।

कथा में 16 फरवरी दिन रविवार को जड़ भरत कथा, आजिमाल ,प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई जाएगी । 17 फरवरी सोमवार को गजेंद्र मोक्ष, वामन चरित्र ,राम कथा, कृष्ण जन्म की कथा सुनाई जाएगी। इसी तरह 18 फरवरी मंगलवार को बाल लीला ,गोवर्धन लीला, माखन चोरी एवं रास महाराज की कथा सुनाई जाएगी ।19 फरवरी दिन बुधवार को कंस वध ,उद्धव गोपी संवाद, कृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन होगा। 20 फरवरी गुरुवार को सुदामा चरित्र ,परमधाम गमन एवं परीक्षित मोक्ष कथा होगी। कथा के विश्राम दिवस 21 फरवरी शुक्रवार को गीता पाठ ,तुलसी वर्षा, पूर्णाहुति, देव विदाई, ब्राह्मण भोज, हवन ,कपिल दर्पण सहस्त्र धारा के साथ कथा विश्राम होगा।