राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । हाफ नदी की जलधारा के बीच में अपना पंख सूखाता यह लिटिल कोरमोरेंट पक्षी। ठंड के शुरुवात होते ही जलकाक अब नदियों तालाबों में पंख फैलाकर बैठे नजर आने लगे हैं।
जलकाक (Cormorant) या पनकौआ पक्षी एक प्रसिद्ध पक्षी है जिसकी कई जातियाँ सभी जगह पाई जाती हैं। इस पक्षियों का रंग काला, चोंच लंबी, टाँगें छोटी और उँगलियाँ ज़ालपाद होती है। ये अपना अधिक समय पानी में ही बिताते हैं।पानी के भीतर मछलियों को पकड़ लेते हैं।
जलकाक का दूसरा नाम पनकौआ भी है। इसकी एक छोटी जाति भी होती है जो छोटा पनकौआ (Little cormorant) कही जाती हैं।
पनकौए 10- 12 इंच लंबे पक्षी हैं जिनके नर और मादा एक जैसे दिखाई देते हैं। ये किसी जलाशय, नदियों व झीलों में मछलियाँ पकड़ते रहते हैं या पानी के किनारे या किसी ठूँठ पर डैने फैलाए बैठे अपने पंख सुखाते घंटों बैठे रहते हैं।जुलाई का महीना में ये प्रजनन करते हैं।मादा 4-5 अंडे देती है।
झुंड में रहते हैं ,कोरमोरेंट पक्षी- ये पक्षियां अक्सर सरोवर, झील और तालाबों के किनारे रहकर मछलियों और जलीय जीवों का शिकार करते हैं। ये पक्षी हमेशा संगठित रहकर अपना शक्ति प्रदर्शन करते हैं तथा समूहों में रहते हैं।