रिसाली । छतीसगढ़ की सुप्रसिद्ध सस्था लोकमन्जरी के के तीसवें स्थापना दिवस को मुख़्य अतिथी के रूप में सम्बोधित करते हुए गृह मंन्त्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस सस्था के तीस साल के अनवरत सफर बेमिशाल है।यह सस्था ब्यवसाइक दृष्टि कोण से नही बना है।जिसके कारण छोटे से स्थल पर अपना स्थापना दिवस मना रही है।श्री साहू ने आगे कहा कि किसी भी सस्था में इतने विभाग नही है।इनके द्वारा विभिन्न गीत संगीत जनजातीयो पर शोध का काम करना उपलब्धि भरा कार्य है। लोकमन्जरी एक आधार स्तंभ है। जिनके द्वारा विविध क्षेत्रों में काम का लंबा अनुभव है ।आपके माँग पत्र का आकलन करा कर मांग पूरी की जायेंगी ।अब छतीसगढ़ की बोली का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये।अब दिल्ली के छतीसगढ़ सदन में फरा ठेठरी खुरमी रखते है। छतीसगढ की सुप्रसिद्ध सास्कृतिक सस्था लोकमन्जरी का तीसवा स्थापना दिवस संस्था के कार्यालय (स्व. अलख यादव लोक परिसर) लोक कला कुंज 22एच रिसाली सेक्टर रिसाली में हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता रिसाली महापौर शशि सिन्हा ने की। विशेष अतिथि सभापति केशव बंछोर सहित अन्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम में स्वागत भाषण तरुण निषाद ने दिया। लोकमन्जरी के सस्थापक/ सयोजक पुन्नू यादव ने सस्था के तीस साल के उपलब्धियों व कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम को रिसाली महापौर श्रीमती शशि सिन्हा व सभापति केशव बंछोर ने सम्बोधित किया। मुख्य अतिथि ताम्रध्वज साहू द्वारा सस्था के ब्रोसर , ड्रा सरिता यसवंत साहू द्वारा लिखित पुस्तक ओड जाति की लोककथाएं व लाली आक्षी लुगरा का के पोस्टर का विमोचन किया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से पार्षद विलास बोरकर, सनीर साहू, परमेश्वर, ममता यादव,जहीर अब्बास, विनय नेताम डॉ सीमा साहू, जमुना ठाकुर, एल्डरमेन अजित यादव, मोहम्मद निजाम, महामंत्री चन्द्रकांत कोरे, सस्था के अध्यक्ष तरुण निसाद ,सयोंजक पुन्नू यादव पुष्प लाल नेताम, अरुण वर्मा,ड्रा सरिता साहू,दर्वासा टंडन, तथागत यादव,टिकेस्वरी लाल देसमुख, लोकेस्वर साहू, शत्रुघ्न धनकर ,देवकुमारी बघेल, राकेश देशमुख,यसवंत साहू,गोकुल वर्मा, नूतन देशमुख,दीप शर्मा, सास्कृति वर्मा, जगतपाल,सन्तोष यादव,कौशिल्या ,पुरुषोत्तम् देशमुख,आर्यन,निर्मल देवदास,लोकुमल होतवानी,लक्षमी कवर शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ सरिता साहू ने किया। आभार प्रदर्सन टिकेस्वरी देशमुख ने किया।