रायपुर।राजधानी में चल रहे महिला मड़ई में दिखी महिलाओं की आर्थिक तरक्की की झलक। प्रदेशभर से महिला समूह अपने उत्पादों को लेकर यहां पहुंची है।

इनमें जांजगीर का प्रसिद्ध कोसा, बस्तरिया आर्ट की विभिन्न कलाकृतियां, मिलेट के tस्वादिष्ट खाद्य उत्पाद, हस्तशिल्प और अन्य सजावटी सामान ने प्रमुख रूप से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। महिलाओं द्वारा इस मड़ई में 54 स्टॉलों के जरिये अपने समूह के उत्पादों में सामाग्री की बिक्री सह प्रदर्शनी लगाई गई थी।

महिला बाल विकास विभाग द्वारा बीटीआई ग्राउंड में आयोजित इस मड़ई में कोरिया फेडरेशन की जिला अध्यक्ष श्रीमती नीलिमा चतुर्वेदी ने बताया कि फेडरेशन के अंतर्गत 15 हजार महिला स्वसहायता समूह काम करती है। फेडरेशन से 1.50 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। हर समूह को प्रतिमाह 50 हजार से एक लाख रूपए तक की आमदनी होती है।


राजधानी में चल रहे महिला मड़ई में दिखी महिलाओं की आर्थिक तरक्की की झलक। प्रदेशभर से महिला समूह अपने उत्पादों को लेकर यहां पहुंची है। इनमें जांजगीर का प्रसिद्ध कोसा, बस्तरिया आर्ट की विभिन्न कलाकृतियां, मिलेट के स्वादिष्ट खाद्य उत्पाद, हस्तशिल्प और अन्य सजावटी सामान ने प्रमुख रूप से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। महिलाओं द्वारा इस मड़ई में 54 स्टॉलों के जरिये अपने समूह के उत्पादों में सामाग्री की बिक्री सह प्रदर्शनी लगाई गई थी।
महिला बाल विकास विभाग द्वारा बीटीआई ग्राउंड में आयोजित इस मड़ई में कोरिया फेडरेशन की जिला अध्यक्ष श्रीमती नीलिमा चतुर्वेदी ने बताया कि फेडरेशन के अंतर्गत 15 हजार महिला स्वसहायता समूह काम करती है। फेडरेशन से 1.50 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। हर समूह को प्रतिमाह 50 हजार से एक लाख रूपए तक की आमदनी होती है।