नगर से लगा ग्राम मैनपुरा विकास से दूर,पानी निकासी से लेकर कचरा निदान की व्यवस्था नहीं


पंडरिया।नगर से महज एक किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत मैनपुरा भले ही नगर से करीब है,लेकिन विकास से कोसो दूर है।ग्राम में करीब 2000 से अधिक की आबादी है।लेकिन ग्रामीणों को कोई भी मूलभूत सुविधा नही मिल रही है।गांव में घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए नाली नहीं है।जिसके कारण नाली का पानी सड़कों पर बहते रहता है।लोग अपने घरों का गंदा पानी सीधे सड़क पर छोड़ते हैं।जिससे राहगीरों को परेशानी होती है।इसी प्रकार कचरा डालने के लिए पंचायत में कहीं भी डस्ट बिन नहीं रखा गया है।ग्रामीण कचरा भी सड़क पर ही डालते हैं।

सड़क पर गंदे पानी व कचरा से जहां परेशानी होती है वहीं स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।इस संबंध में पंचायत को कई बार जानकारी दी गई है,लेकिन पंचायत द्वारा किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की जा रही है।देश भर में स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है,जिसमें प्रधान मंत्री से लेकर पूरा देश लगा हुआ है,वहीं मैनपुरा के जनप्रतिनिधि स्वच्छता को लेकर उदासीन हैं।ग्रामीण अशोक साहू व प्रकाश ने बताया कि मैनपुरा शहर से जुड़ा हुआ पंचायत है लेकिन यहां रहने वाले लोगों को जनसुविधाओं के लिए तरसता पड़ रहा है।सड़क पर बहते हुए नाली का पानी व सड़क पर बिखरा कचरा यहां की पहचान बन गई है।अनेक ग्राम पंचायत में कचरा निदान के लिए रिक्शा चलाया जा रहा है,जबकि मैनपुरा में डस्टबिन भी नहीं रखा गया है।पंचायत को स्वच्छता व नाली व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।


अतिक्रमण हो रहा शासकीय जमीन-ग्राम पंचायत के शासकीय जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है।मैनपुरा के किसान राइस मिल के सामने व पीछे के शासकीय जगह में अतिक्रमण हो गया है।इसी प्रकार वन विभाग कार्यालय के सामने भी अतिक्रमण हो रहा है।राजस्व विभाग को जल्द ही अतिक्रमण को खाली कराना होगा,अन्यथा पूरे शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हो जाएगा।
नगर पालिका में जुड़ने के लिए सहमति नहीं दी– ग्राम पंचायत मैनपुरा का विकास नगर पालिका में जुड़ने से हो सकता था।जिसके लिए पंचायत से सहमति मंगाया गया था,किन्तु मैनपुरा पंचायत द्वारा नगर पालिका में पंचायत को जोड़ने के लिए सहमति नहीं दिया गया।जिसका खामियाजा यहाँ के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है।